ईवीएम के मुद्देे पर आपस में भिड़े कांग्रेसी, अमरिंदर भी पार्टी लाइन से हटे
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईवीएम से छेड़छाड़ के अपनी ही पार्टी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी हुई होती तो वह मुख्यमंत्री नहीं होतेेे। सत्ता में अकाली दल होता। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज करते हुए इसे 'पराजयवादी मानसिकता' करार दिया था।
पूर्व कानून मंत्री वीरप्पपा मोईली के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जो ईवीएम के बचाव में उतरे हैं। जबकि कांग्रेस ईवीएम पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर से मतदान की मांग कर रही है। पंजाब ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई है।
कैप्टन अमरिंदर और मनीष तिवारी के विरोधाभासी बयानों के बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ईवीएम हैक करने की चुनाव आयोग की चुनौती पर तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को ट्वीट किया कि चुनाव आयोग सभी को ईवीएम से छेड़छाड़ करके दिखाने की चुनौती देता है। हैकिंग करने वाले अपना व्यापार बढ़ा रहे हैं, वे खुद को क्यों सामने आने देंगे? एक अन्य ट्विट में उन्हाेंंने कहा कि सबसे ज्यादा फायदा तो भाजपा और हैकरों का हो रहा है तो वे क्यों सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को मारेंगे? क्या आप सोचते हैं कि भाजपा और हैकर्स मूर्ख हैं? चुनाव आयोग इतना अनाड़ी क्यों बन रहा है।