हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए जवानों के शव गत्तों में लाने पर सेना ने मानी भूल
शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश में हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद सात जवान मारे गए थे इसके बाद उनके शव को अपमानित करने का मामला सामने आया। सात जवानों के शव को पेपरबोर्ड के कार्टन (दफ्ती के गत्ते) में लपेटकर एयरपोर्ट पर रखा गया। इस तरह के गत्ते रेफ्रिजरेटर और एसी को पैक करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग ने इसकी तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट कीं।
इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग सवाल करने लगे कि क्या शहीदों के ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए?
हालांकि सेना ने इसे 'भूल' के तौर पर स्वीकार किया है और भविष्य में ऐसा नहीं होने की भी बात कही।
Mortal remains of heptr accident in HAA on 6 Oct 17 recovered, sent wrapped in local resources is an aberration. pic.twitter.com/NDvEvBo87F
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) October 8, 2017
अधिकारियों का कहना है कि पास के बेस से उस समय बॉडी बैग या ताबूत लाने का समय नहीं था क्योंकि शव खुले में पड़े हुए थे. ऐसे में उस दौरान उपलब्ध सबसे बेहतर संसाधन का इस्तेमाल किया गया।
आर्मी ने कहा कि पूरे मिलिट्री सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
Fallen soldiers always given full military honour. Carriage of mortal remains in body bags, wooden boxes,coffins will be ensured. pic.twitter.com/XSom29pWoF
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) October 8, 2017
क्या था मामला?
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनपल पनाग ने 8 अक्टूबर यानी वायु सेना के दिन एक फोटो ट्विटर पर शेयर की और कहा, 'सात जवान कल सूरज की रोशनी में अपनी मातृभूमि की सेवा में निकले और इस तरह वापस आए।'
Seven young men stepped out into the sunshine yesterday, to serve their motherland. India.
— Lt Gen H S Panag(R) (@rwac48) October 8, 2017
This is how they came home. pic.twitter.com/OEKKcyWj0p
शुक्रवार को इंडियन एयरफोर्स का एमआई-17 हेलीकॉप्टर भारत-चीन बॉर्डर से सटे तवांग के पास क्रैश हो गया था। इसमें सात जवान मारे गए थे। इनमें दो पायलट समेत पांच एयरफोर्स के जवान और दो आर्मी के जवान शामिल थे। एयरफोर्स के प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि हेलीकॉप्टर पहाड़ी क्षेत्र के पोस्ट में भारतीय सेना के लिए खाने-पीने का सामान ले जा रहा था। जहां सामान गिराना था, उससे पहले ही हेलीकॉप्टर क्रैश कर गया और उसमें आग लग गई।
तवांग के एसपी एम के मीणा ने कहा कि समुद्र तट से 17,000 फीट ऊपर राहत और बचाव कार्य किया गया। सारे शवों को खिरम हेलीपैड पर लाया गया और तेजपुर एयरबेस भेजा गया।
लेफ्टिनेंट जनरल पनाग ने एक और ट्वीट में यह भी कहा कि अगर ताबूत नहीं पहुंच सकते थे तो बाकायदा बॉडी बैग का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था। उन्होंने बॉडी बैग की फोटो भी पोस्ट की।
This is a proper body bag. pic.twitter.com/OtEiC3jHUL
— Lt Gen H S Panag(R) (@rwac48) October 8, 2017
इनमें से एक कार्टन पर लिखा हुआ था, WKDR Upadhyaya। यह विंग कमांडर वी. उपाध्याय का शव था। मारे गए एयरफोर्स के पांच लोगों में को-पायलट स्क्वाड्रन लीडर एस तिवारी, मास्टर वारंट ऑफिसर एके सिंह, सार्जेंट गौतम कुमार और सार्जेंट सतीश कुमार थे। दो सेना के लोगों में सिपाही एच एन डेका और सिपाही ई बालाजी के नाम शामिल हैं।
Guwahati: Mortal remains of IAF personnel who lost their lives in Mi-17 V5 helicopter crash in Arunachal Pradesh's Tawang pic.twitter.com/hEtd9ST38O
— ANI (@ANI) October 7, 2017