Advertisement
11 August 2016

‘देश को एक और बंटवारे से बचाना होगा’

उनका कहना है कि मसला यह है कि कुछ ताकतें देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती हैं। इसलिए हिंदू-मुस्लिम दंगे करवाने की कोशिशें हैं। आम मुसलमान न गाय काटता है और न गाय खाता है। मौलवी तौकीर रजा खान के अनुसार पैगंबर ने भी बोला है कि गाय के गोश्त में बीमारी है और दूध में शिफा लेकिन मुसलमानों को गाय और जानवरों का दुश्मन बताया जा रहा है। आउटलुक को दिए एक वीडियो इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में गुलाबी क्रान्ति है लेकिन हम सफेद क्रान्ति लाएंगे लेकिन जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से बीफ निर्यात में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री को अपना वादा पूरा करना चाहिए। इसके लिए बीफ के निर्यात पर पाबंदी लगाई जाए। तौकीर साहब का कहना है कि हमारे जानवर हिंदूस्तानियों की जरूरतें पूरा करने के लिए हैं न कि विदेशियों का पेट भरने के लिए। जो लोग अपनी तिजोरियां भर रहे हैं और जो बीफ निर्यात करवा रहे हैं असल में वे जानवरों के दुश्मन हैं न कि मुसलमान।

 

Advertisement

तौकीर रजा खान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने उना (गुजरात) वाली घटना के मसले पर पहली दफा गोरक्षों पर नोटिस लिया। उना जैसे सैंकड़ों वाक्यात मुसलमानों के साथ देश के कई सूबों में हुए। उन्हें मारा पीटा, लूटा और बेइज्जत किया गया। यहां तक कि मार डाला गया लेकिन न तो सरकार ने नोटिस लिया, न संसद में हंगामा, सेकुलर जमात ने भी नोटिस नहीं लिया। अच्छी बात है कि दलित के साथ अत्याचार हुआ तो नोटिस लिया गया लेकिन हिंदुस्तान के मुसलमान और वे व्यापारी जो जानवरों का कारोबार करते हैं वे हिंदूस्तानी नहीं हैं क्या? दलितों के साथ जो हुआ मुसलमानों के साथ होता रहा है। बंटवारे के समय यहां के मुसलमान इसीलिए यहां रह गए क्योंकि हमें अपने देश से प्यार था। मौजूदा माहौल में मुसलमानों को हमदर्दी की जरूरत है और देश को एक और बंटवारे से बचाना होगा। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी), उत्तर प्रदेश, भारतीय जनता पार्टी, बीफ, गाय, मुसलमान, हिंदू, दलित, बंटवारा, प्रधानमंत्री
OUTLOOK 11 August, 2016
Advertisement