Advertisement
04 February 2017

आजादी से दुश्मनी बर्बादी की राह

google

ईरान, चीन, रूस, क्यूबा, जर्मनी, जापान जैसे देशों में भी सरकारें धार्मिक आधार पर भेदभाव एवं नफरत पैदा करने की कोशिश नहीं करती हैं। यों यूरोप के कुछ देशों एवं अमेरिका में रुढ़िवादी ईसाई संगठन यदा-कदा अपने धर्मावलंबियों को ही तरजीह दिए जाने की मांग करते रहे हैं लेकिन जर्मनी के हिटलर राज में लाखों लोगों की नृशंस हत्याओं और विश्व युद्ध का इतिहास जानने वाले धार्मिक स्वतंत्रता एवं क्षमता-योग्यता के आधार पर दुनिया में कहीं भी काम कर सकने के अधिकारों का समर्थन करते हुए लाभ उठाते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप चीन को दुश्मनी वाले अंदाज में धमकियां देते हैं, क्योंकि चीन अमेरिका का बड़ा प्रतिद्वंद्वी है। लेकिन आस्ट्रेलिया तो राजनीतिक-आर्थिक दृष्टि से ही नहीं सामरिक कारणों से भी अमेरिका का मित्र और साझेदार रहा है। शीत-युद्ध काल से यूरोपीय देशों के साथ नाटो की सामरिक संधि एवं संगठन के बल पर अमेरिका भी शक्तिशाली देश माना जाता रहा। लेकिन ट्रंप ने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को फोन पर धमका दिया। अब तो ट्रंप यूरोप और जापान से सामरिक संबंधों की कीमत नगदी में वसूलना चाहते हैं। बराक ओबामा ने भारत-चीन के अलावा ईरान, मेक्सिको, क्यूबा तक से संबंध सुधारे। ट्रंप महाशय ने तो मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की घोषणा कर उससे ही धनराशि भी मांग ली। इससे रिश्ते तेजी से बिगड़ गए। ओबामा के सामाजिक-आर्थिक ‌हितों के कार्यक्रमों को उलटने के आदेश जारी हो रहे हैं। इस रवैय्ये से लाखों अमेरिकी नागरिकों के अलावा दुनिया भर के देशों में नाराजगी बढ़ रही है। अत्याधुनिक देश में किसी कट्टरपंथी देश की तरह महिलाओं के पहनावे पर ट्रंप के फरमान जारी होना शर्मनाक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। रूस के साथ संबंध सुधारने का दावा अवश्य किए जा रहे हैं, लेकिन असली कदम उल्टी दिशा में बढ़ रहे हैं। रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने तो कहा कि ट्रंप के तुगलकीपन से विश्व युद्ध का खतरा दिखने लगा है। ऐसी दुश्मनी अमेरिका के साथ कई देशों को बर्बाद कर सकती है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: डोनार्ड ट्रंप, अमेर‌िका, राष्ट्रपत‌ि, मुस्ल‌िम, कट्टरपंथी, तानाशाही
OUTLOOK 04 February, 2017
Advertisement