क्या है इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्टसी कोड, जिस पर अध्यादेश को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्टसी कोड, 2016 (आईबीसी) में संशोधन के लिए लाए गए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। यह अध्यादेश केंद्रीय कैबिनेट द्वारा बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में पास किया गया था जिसके बाद इसे राष्ट्रपति को भेज दिया गया था।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब इस अध्यादेश को संसद की शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की योजना है।
The President has given his assent to Ordinance to amend the Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 (the Code). pic.twitter.com/hkW46c3EFA
— ANI (@ANI) November 23, 2017
क्या होगा इस अध्यादेश से?
अध्यादेश लागू होने से दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किलें बढ़ेंगी और वो दोबारा कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएंगे। बैंकरप्टसी (दिवालिया) कानून में होने वाले बदलाव से सरकारी बैंकों को बड़ा फायदा होगा। विलफुल डिफॉल्टर, फंड की हेराफेरी कर चुके और फर्जीवाड़े के जुर्म में सजा पा चुके लोग अपनी कंपनी या उसकी संपत्ति खरीदने के लिए बोली नहीं लगा पाएंगे।
बता दें कि आईबीसी को जब लागू किया गया था तो माना गया कि यह बैंकों के 9.5 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्जे (एनपीए) की समस्या का अंतिम समाधान निकाल लेगा। लेकिन छह महीने में पता चल गया है कि इसके मौजूदा स्वरूप में कई खामियां हैं।
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही कंपनियों की मुश्किल बढ़ सकती है
करीब 400 कंपनियों के मामलों को बैंकरप्टसी कानून के तहत सुलझाने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पास भेजा गया है। आरबीआई ने 12 बड़ी कंपनियों के लोन डिफॉल्ट मामले को बैंकरप्टसी कोर्ट के पास भेजा था। इनमें से 11 मामले दिवालिया अदालत के पास हैं। एक केस को लेकर अभी मुकदमेबाजी चल रही है। रेजॉलूशन प्रोफेशनल्स लोन रिकवरी के लिए इनमें से एस्सार स्टील, भूषण स्टील, भूषण पावर, एमटेक ऑटो, लैंको इन्फ्राटेक को बेचने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से किसी कंपनी को बैंकों ने अब तक विलफुल डिफॉल्टर घोषित नहीं किया है।
ऐसी खबरें आ रही हैं कि दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही कंपनियों के प्रमोटर खुद ही नीलामी में शामिल होकर इन पर अपना कब्जा बनाए रखने की फिराक में हैं। इससे आने वाले दिनों में मुश्किलें ज्यादा हो सकती हैं। लिहाजा सरकार ने अब आइबीसी में बदलाव की सिफारिश करने के लिए इन्सॉल्वेंसी लॉ कमेटी बनाई है। यह दो महीने में अपने सुझाव देगी।
कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री ने दी थी जानकारी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट मीटिंग के बाद बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'बैंकरप्टसी कोड में कुछ बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है। इन बदलावों को अध्यादेश के जरिए लागू किया जा रहा है।'
केंद्र ने अध्यादेश को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले मंजूरी दी है क्योंकि इस दौरान कुछ बैंकरप्टसी मामलों का निपटारा हो सकता है। जेटली ने कहा, 'कुछ रेजॉलूशन आखिरी दौर में हैं। हम यह पक्का करना चाहते हैं कि प्रॉसेस सही बना रहे।'