समान नागरिक संहिता पर आए हजारों सुझाव
केंद्र सरकार ने समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग को अध्यन कर रिपोर्ट देने को कहा था। आयोग ने मामले में 16 सवालों की प्रश्नावली जारी कर जनता की राय मांगी थी। जवाब देने की समयसीमा बुधवार 21 दिसंबर को पूरी हो गयी है। हालांकि आयोग का कहना है कि इसके बाद आने वाले जवाबों पर भी विचार हो सकता है। समान नागरिक संहिता का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है जिस पर तीन जनवरी को सुनवाई होने की उम्मीद है।
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान कहते हैं कि प्राप्त जवाबों को सारिणीबद्ध किया जा रहा है। ये काम पूरा होने के बाद आयोग की बैठक होगी और आगे की प्रक्रिया तय होगी। इस विषय पर मौजूद नियम कानून और फैसलों को भी एकत्र किया जा रहा है ताकि मुद्दे पर समग्रता से विचार हो सके। वे कहते हैं कि केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में तीन तलाक पर फैसला दिया है और फैसले के प्रति विधि आयोग को भेजने का आदेश दिया है। आयोग हाईकोर्ट द्वारा भेजे गये फैसले पर भी विचार करेगा। मालूम हो कि केरल हाईकोर्ट ने गत सप्ताह दिए गए फैसले में कहा है कि तीन तलाक को कानून के जरिये रेगुलेट करने की जरूरत है। ये काम विधायिका का है और सरकार इस पर विचार करे। हाईकोर्ट ने फैसले की प्रति विधि आयोग और कानून मंत्रालय को भेजने का आदेश दिया था।
विधि आयोग को आम जनता और प्रबुद्धजनों के अलावा कुछ राजनैतिक दलों ने भी राय भेजी है लेकिन ज्यादातर दलों ने पूछे गए सवालों पर सीधे जवाब नहीं दिया है। बसपा ने इस मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष मायावती द्वारा मीडिया में दिए गए बयानों की प्रतियां लगा कर भेजी हैं। कांग्रेस ने बहुत ही गोलमोल जवाब दिया है जिसे न तो पक्ष लेना कहा जा सकता है और न विरोध।
पार्टी ने प्रश्नावली में पूछे गए सवालों का सीधे जवाब नहीं दिया है। एनसीपी की ओर से राज्यसभा सदस्य मजीद मेमन आयोग से जाकर मिले थे। उनकी पार्टी का मानना है कि एक बार में तीन तलाक का प्रचलन खत्म होना चाहिये। हालांकि पार्टी निश्चित अंतराल पर तलाक देने की शरीयत में बताई गई प्रक्रिया लागू रहने की पक्ष में है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम ने समान नागरिक संहिता का विरोध किया है। ज्यादातर राजनैतिक दलों ने इस समय समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाए जाने पर सवाल करते हुए इसे सरकार का राजनैतिक एजेंडा करार दिया है। लोगों की राय बटी हुई है। कुछ पक्ष में हैं और कुछ खिलाफ हैं लेकिन कितने पक्ष में हैं और कितने खिलाफ इसका सही अंदाजा जवाबों के सारिणीबद्ध होने के बाद ही चल सकेगा।(एजेंसी)