हादसों की जुबानी, बदहाल रेलवे की कहानी: उत्तर प्रदेश में थम नहीं रहीं रेल दुर्घटनाएं
देश में रेल हादसों का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बुधवार सुबह बड़ी रेल दुर्घटना हुई। यहां न्यू फरक्का एक्सप्रेस की 6 बोगियां पटरी से उतर गईं, इस दौरान 5 लोगों की मौत की खबर है। ऐसे तो पिछले दो सालों में देश भर में कई रेल दुर्घटनाएं हुई हैं। लेकिन खासकर उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय में काफी रेल हादसे हुए हैं। इन घटनाओं ने रेलवे प्रशासन पर कई प्रश्न खड़े किए हैं।
-नवंबर, 2017 में भी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के पास मानिकपुर में वास्को डि गामा एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी। इस घटना में ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, वहीं 3 लोगों की मौत हुई थी।
- 2017 के सितंबर महीने में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में एक और रेल दुर्घटना हुई थी। शक्तिपुंज एक्सप्रेस के 7 डिब्बे पटरी से उतर गए। ट्रेन हावड़ा से जबलपुर जा रही थी।
-2017 के अगस्त महीने में पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन मुजफ्फरनगर के खतौली रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई थी। ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतरकर अगल-बगल के घरों और एक स्कूल में घुस गए। इस दुर्घटना में 23 लोगों की मौत हुई थी।
-खतौली रेल हादसे के होने के 5 दिन के भीतर कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में एक और हादसा हुआ था। दुर्घटना की वजह से ट्रेन के इंजन सहित 10 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसमें करीब 78 लोग घायल हुए।
-उत्तर प्रदेश के महोबा में 30 मार्च, 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतरी थी, 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।