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05 August 2015

गुजरात दंगाः निचली अदालत को और तीन महीने की मोहलत

गूगल

हालांकि, प्रधान न्यायाधीश एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले के अभियुक्तों को जमानत देने से इंकार कर दिया। इन अभियुक्तों का तर्क था कि चूंकि इस मुकदमे की सुनवाई लगातार खिंच रही है, इसलिए वे जमानत पर रिहाई के हकदार हैं। अहमदाबाद के जिला न्यायाधीश पी.डी. देसाई ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए उन्हें तीन महीने का वक्त और प्रदान किया जाए। दूसरी ओर, आरोपियों ने लिखा था कि कार्यवाही पूरी होने में विलंब के आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए क्योंकि वे दस साल से जेल में हैं।

दूसरी ओर शीर्ष अदालत ने 2002 के दीपड़ा दरवाजा दंगा मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के 23 दिसंबर, 2013 के आदेश में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने इस मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 21 व्यक्तियों को सशर्त जमानत दे दी थी। इस घटना में एक ही परिवार के 11 व्यक्ति मारे गए थे। इस मामले में सभी दोषियों की अपील लंबित है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि पीड़ितों की ओर से शीर्ष अदालत में अपील दायर करने वाले उनके रिश्तेदार दोषियों की जमानत रद्द करने और मुकदमे की शीघ्र सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय से अनुरोध कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में ऐसा कोई भी निर्देश देना उचित नहीं होगा। न्यायालय ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह इस मामले पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करे। उच्च न्यायालय ने कहा था कि यदि कोई भी दोषी जमानत की शर्त का उल्लंघन करता है तो प्राधिकारी या विशेष जांच दल उसकी जमानत निरस्त करने का अनुरोध कर सकते हैं।

यह मामला गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में हुए अग्निकांड के बाद मेहसाणा जिले के विसनगर के दीपड़ा दरवाजा क्षेत्र में 28 फरवरी, 2002 को हुई वारदात से संबंधित है जिसमें 65 वर्षीय महिला और दो बच्चों सहित एक ही परिवार के 11 सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी। यह उन नौ मामलों में शामिल था जिनकी जांच शीर्ष अदालत ने विशेष जांच दल को सौंपी थी। शीर्ष अदालत ने गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से संबंधित नौ मामलों की प्रगति पर 2014 में संतोष व्यक्त किया था।

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TAGS: गुजरात दंगे, गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार, सुप्रीम कोर्ट, जिला अदालत, हाईकोर्ट, एहसान जाफरी, Gujarat riots, Gulbarga Society massacre, the Supreme Court, District Court, High Court, Ehsan Jafri
OUTLOOK 05 August, 2015
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