2जी पर मौन तोड़ें प्रधानमंत्री - स्वामी
गृहमंत्री पी. चिदंबरम को 2जी आरोपों बरी करने वाले निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की पूर्व संध्या 22 फरवरी, पर आउटलुक को बड़े ही विश्वास के साथ स्वामी बताते हैं कि चिदंबरम को जेल जाना ही होगा। इसके अलावा वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधते हैं। सुब्रह्मïण्यम् स्वामी से आउटलुक के प्रमुख संवाददाता कुमार पंकज ने बातचीत की। पेश हैं अंश:
- 2जी घोटाले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम को घसीटने की आपकी योजना पूरी तरह कारगर क्यों नहीं हो पाई?
मैं एक फैसले से निराश होने वाला नहीं हूं। मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है क्योंकि ज्यादातर मेरी जीत सुप्रीम कोर्ट में ही होती है। इस मामले को भी मैं सुप्रीम कोर्ट ले जाऊंगा और मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे पक्ष में ही फैसला होगा।
- यह बात इतने दावे के साथ क्यों कह रहे हैं?
दावा इसलिए कर रहा हूं कि मेरे पास सबूत है। जो फैसला आया है उसमें भी 70 में भी 60 पैराग्राफ में तो मेरी बात की ही पुष्टि है। जब कोर्ट ने सभी लाभान्वित कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए तो दोषियों को भी तो सजा मिलनी चाहिए। सिर्फ राजा को ही कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता है। इसमें तो चिदंबरम को भी जेल जाना होगा।
- प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर भी आप क्यों आक्षेप करते हैं?
प्रधानमंत्री को मूकदर्शक नहीं होना चाहिए। जिस तरह से 2जी हुआ है, ऐसा नहीं है कि वह उनकी जानकारी में नहीं था। प्रधानमंत्री को अपना मौन व्रत तोडऩा चाहिए।
- आप कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर उनके दामाद राबर्ट वढेरा पर भी आरोप मढ़ते हैं कोई खास वजह?
वजह क्या होगी। जो गलत हो रहा है उसके पीछे किसी प्रकार की वजह नहीं पूछी जानी चाहिए। सोनिया गांधी पर मेरे आरोप बिल्कुल सही हैं। बोफोर्स मामले में सीबीआई को मैंने जो दस्तावेज दिए हैं उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। जहां तक राबर्ट वढेरा का सवाल है तो वह कॉमनवेल्थ मामले में उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए।
जैसे घोटाले में लिप्त हैं। उनकी कई कंपनियों को सरकार ने फायदा पहुंचाया है। इस मामले को भी मैं अदालत में ले जाऊंगा। मेरे पास पक्का सबूत है।
- आप कांग्रेस नेताओं के पीछे जिस तरह से पड़े हुए हैं, उस तरह से आप भाजपा या उनके सहयोगियों के पीछे क्यों नहीं पड़ते?
सरकार अपने ऊपर केस तो डालेगी नहीं इसलिए मैं सरकार की पोल खोल रहा हूं। मुझे सीबीआई का निदेशक बना दिया जाए मैं सभी सरकारों, चाहे वह कांग्रेस की हो या भाजपा की, सबके खिलाफ कार्रवाई करूंगा। हम सरकार को टैक्स देते हैं और सरकार हमारे ही पैसे का दुरुपयोग कर रही है। इसलिए मैं सरकार के पीछे पड़ा हूं। यह एक सिद्घांत की बात भी है कि विपक्ष में रहते हुए सत्ता की पोल खोलना ज्यादा आनंददायक होता है।
- तो क्या आपको माना जाए कि आप भाजपा के ज्यादा करीबी हैं?
मैं भाजपा का करीबी नहीं हूं लेकिन राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ से मेरा नाता रहा है। मैं पुराना जनसंघी हूं और कभी भाजपा में विलय के पक्ष में नहीं था। जब वह बनी तो मैंने सोचा कि यह क्या हुआ। आज मैं मूल जनता पार्टी को चला रहा हूं और मेरे साथ लोगों के जुडऩे का सिलसिला जारी है। भाजपा में भी मेरे कई घनिष्ठï मित्र हैं। मेरा एजेंडा हिन्दुत्व के पुनरुत्थान का है अगर इस पर कोई काम करेगा तो मैं उसके साथ हूं।
-क्या कांग्रेस में भी आपके मित्र हैं?
बिल्कुल हैं। स्व. राजीव गांधी हमारे भाई जैसे थे। उनसे मैंने जो कहा वह उन्होंने किया। अब भी कई मित्र हैं। नाम नहीं लेना चाहूंगा।
-भ्रष्टïाचार को लेकर अण्णा हजारे और स्वामी रामदेव का आंदोलन आपके आंदोलन से ज्यादा लोकप्रिय है। आपकी मुहिम को जनसमर्थन नहीं मिल रहा है क्या वजह है?
कौन कह रहा है कि जनसमर्थन नहीं मिल रहा है। हमारी रैलियों में जनता की भीड़ देखिए, लोगों का जो समर्थन मिल रहा है उसे कैसे नकारा जा सकता है। हमारा अभियान पूरी तरह से सफल है। हम जिस तरह से लड़ाई लड़ रहे हैं वह बिल्कुल ही अलग है।
- तो क्या आपका आंदोलन अण्णा हजारे और स्वामी रामदेव के आंदोलन से अलग है?
बिल्कुल ही अलग है। अण्णा हजारे का आंदोलन नया कानून बनाने के लिए हो रहा है। स्वामी रामदेव का आंदोलन लोगों में चेतना जगाने के लिए हो रहा है और मेरा आंदोलन न्याय-व्यवस्था के हिसाब से लोगों को दंडित करने के लिए हो रहा है। मैं नया कानून लाने के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन जो कानून है उसी के आधार पर भी लोगों को दंडित किया जा सकता है।
- काले धन के बारे में आपकी क्या राय है?
काला धन एक बड़ी समस्या है। स्वामी रामदेव लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं और मैं भी इस मुद्दे पर काम कर रहा हूं। हवाला के जरिये यूपीए सरकार के कई मंत्रियों का पैसा स्विस बैंकों में जमा है। काले धन को वापस लाने के लिए अगर हमें अदालत लेटर रॉगिटरी (विदेशी अदालतों में किसी मामले की कानूनी सहायता पाने के लिए स्थानीय अदालत से ली गई अनुमति) दे दे तो हम अपने खर्चे पर जाकर उन लोगों की सूची ले आए जिनका पैसा स्विस बैंकों में जमा है।
-आपका नया मोर्चा एक्शन कमेटी अगेंस्ट करेप्शन इन इंडिया (एसीएसीआई) कब तक रंग लाएगा?
हम लगातार काम कर रहे हैं परिणाम भी जल्द ही आपके सामने होगा।
- आप इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का विरोध कर रहे हैं इसकी वजह?
देखिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से विश्वसनीयता खत्म हो जाती है। इसमें धांधली की पूरी संभावना है। इसलिए भी मैं कोई चुनाव नहीं लड़ता कि इस पर मुझे भरोसा नहीं है।