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16 September 2017

आतंकवादी नहीं आम इंसान हैं रोहिंग्या, मदद करे केंद्र सरकार: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन किया है। ममता बनर्जी ने कहा है कि रोहिंग्या इंसान हैं आतंकवादी नहीं और केन्द्र सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए। ममता बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा, ‘हम लोग संयुक्त राष्ट्र की उस अपील का समर्थन करते हैं जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों को मदद करने की बात कही गई है, हमें यकीन है कि सभी रोहिंग्या आतंकवादी नहीं हैं बल्कि आम इंसान हैं, हम इस बारे में  चिंतित हैं।’


बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जैद राद अल हुसैन ने भारत सरकार की रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने की कोशिशों की निंदा की है और कहा है कि भारत का ये कदम अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के अनुरुप नहीं है। हालांकि भारत रोहिंग्या शरणार्थियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन्हें वापस भेजना चाह रहा है। भारत का कहना है कि उसने रिफ्यूजी कंन्वेंशन पर हस्ताक्षर नहीं किया है, लिहाजा वो रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेज सकता है।

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इधर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार 15 सितंबर को कहा कि सरकार 18 सितंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर सरकार के रुख से सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराएगी। राजनाथ ने इस मुद्दे पर अत्यधिक बयान देने से इनकार कर दिया। राजनाथ ने रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हमें जो भी हलफनाम दाखिल करना है, हम 18 सितंबर को करेंगे।” सर्वोच्च न्यायालय ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित किया है। केन्द्रीय एजेंसियों के मुताबिक भारत को मिली जानकारी से संकेत मिले हैं कि रोहिंग्या के पाकिस्तान और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि उन्होंने यह भी पाया है कि भारत में कुछ एजेंसियां का संगठित नेटवर्क और दलाल रोहिंग्याओं की मदद कर रहे हैं।

बता दें कि ममता बनर्जी पहले भी कह चुकी हैं कि रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। इधर म्यांमार और बांग्लादेश सीमा से लगे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में रोहिंग्या मुसलमानों को देश में प्रवेश से रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आईजॉल और अगरतला में तैनात असम राईफल्स और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा के पास अबतक किसी भी अप्रवासी के सीमा पार कर यहां आने की सूचना नहीं है। पूर्वोत्तर में चार राज्य अरुणाचल प्रदेश (520 किलोमीटर), मणिपुर (398 किलोमीटर), मिजोरम (510किलोमीटर), नागालैंड (215किलोमीटर) की खुली सीमा म्यांमार के साथ लगती है। इस 1643 किलोमीटर के बिना घेराबंदी की सीमा पर 16 किलोमीटर भूभाग फ्री जोन है, जिसमें दोनों तरफ आठ-आठ किलोमीटर की सीमाएं शामिल है। असम राईफल्स के पुलिस महानिरीक्षक मेजर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संवाददाताओं को आईजॉल में बताया कि सीमांत इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर असम राईफल्स की आठ कंपनियों को तैनात किया गया है।

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TAGS: rohingya muslim, mamata banerjee, rohingya, west bengal
OUTLOOK 16 September, 2017
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