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26 September 2017

योगी सरकार का फैसला, टीचर बनने के लिए TET पास अभ्यर्थियों को देनी होगी लिखित परीक्षा

फैसले की जानकारी देते श्रीकांत शर्मा (दाएं), योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो (बाएं)

मंगलवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कई अहम फैसले लिए गए। प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब टीईटी के बाद लिखित परीक्षा भी अनिवार्य कर दिया गया है।

पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि टीईटी पास अभ्यर्थियों की अब सीधे भर्ती नहीं होगी बल्कि उन्हें लिखित परीक्षा से भी गुजरना होगा। मेरिट बनाते समय लिखित परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएंगे। अब तक टीईटी पास अभ्यर्थियों की सीधी भर्ती हो रही थी।

कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि योगी सरकार प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा टीईटी क्वालीफाई करने के बाद देनी होगी। शिक्षक भर्ती की मेरिट में लिखित परीक्षा के भी अंक जोड़े जाएंगे।

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शर्मा ने कहा कि लिखित के लिए 60 और शैक्षिक योग्यता के आधार पर 40 नंबर दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में सिर्फ टीईटी पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे।

शिक्षामित्रों के मामले में मंत्री ने कहा कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करेगी। हालांकि शिक्षामित्रों को भर्ती में वेटेज का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। शिक्षामित्रों को अधिकतम 10 साल के लिए 25 अंक मिलेंगे और हर साल के अनुभव के आधार पर उन्हें ढाई अंक मिलेंगे।

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TAGS: yogi adityanath cabinet, tet, teacher eligibility test, srikant sharma, up, primary school
OUTLOOK 26 September, 2017
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