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06 May 2016

देश का नक्‍शा गलत दिखाया तो सात साल की जेल और 100 करोड़ का जुर्माना

केंद्र सरकार इस दिशा में एक ऐसा प्रावधान तैयार कर रही है, जो कानून बन गया तो कई कंपनियां और एजेंसियां सरकार की तरफ से बिना लाइेंसस के कोई मैप ऑनलाइन नहीं दिखा सकेंगी। हाल ही में ट्विटर ने कश्मीर की ज्याग्राफिकल लोकेशन चीन और जम्मू की पाकिस्तान में दिखाई थी। इसी तरह ऐसे कुछ और मामले भी सामने आए जब सर्च इंजन्स या सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाया है। गूगल मैप्स जैसी सर्विसेस सैटेलाइट्स और क्राउड सोर्स्ड डेटा के जरिए इन्फॉर्मेशन इकट्ठा करती हैं। जल्द ही इन्हें अवैध करार दिया जा सकता है। द जियोस्पाशियल इन्फॉर्मेशन रेगुलेशन बिल 2016 का ड्राफ्ट कहता है, 'कोई भी व्यक्ति सैटेलाइट, एयरक्राफ्ट्स, एयरशिप्स, बैलून, ड्रोन या किसी भी तरह के वाहन के जरिए एरियल या स्पेस व्यू के साथ भारत के किसी हिस्से की जियोस्पाशियल इमेज हासिल नहीं कर सकेगा। मैप्स के लिए इस तरह की इन्फॉर्मेशन हासिल करने और उसे साइट्स या एप्स के जरिए दिखाने के लिए अथॉरिटी से लाइसेंस की जरूरत होगी।' अगर गूगल मैप्स, गूगल अर्थ या बाकी एजेंसियां खासकर कश्मीर को लेकर गलत मैप दिखाती हैं तो उन पर भी बड़ा जुर्माना लगेगा। जो कंपनियां, एजेंसियां, संस्थाएं या लोग अभी मैप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें लाइेंसस लेना होगा। ऐसा नहीं किया तो जुर्माना 10 लाख से 100 करोड़ रुपए के बीच लगेगा। सात साल की जेल की सजा भी हो सकती है। इसके लिए सरकार एक सिक्युरिटी अथॉरिटी बनाएगी ताकि इस तरह की सूचनाओं पर निगरानी रखी जा सके। इस अथॉरिटी में केंद्र सरकार का ज्वाइंट सेक्रेटरी चेयरमैन होगा। एक नेशनल सिक्युरिटी एक्सपर्ट और एक टेक्निकल एक्सपर्ट होगा। सरकार ने गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर ये ड्राफ्ट बिल पोस्‍ट किया है और सुझाव मांगे हैं।

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TAGS: गलत नक्‍शा, सावधान, 100 करोड़ रुपए का जुर्माना, सात साल की जेल, सरकार, गूगल, पाकिस्‍तान, चीन, भारत, कश्‍मीर, wrong map, big fine, google, india, pakistan
OUTLOOK 06 May, 2016
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