Advertisement
09 August 2022

मुफ्त उपहार बांटने से पहले आर्थिक प्रभाव का आकलन जरूरी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा बयान

उच्चतम न्यायालय में मुफ्त उपहारों के वितरण से पहले आर्थिक प्रभाव का आकलन जरूरी है। यह दलील वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका में दी गई है, जिसमें तर्कहीन मुफ्त उपहारों के लिए राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया ने प्रस्तुत किया कि देश के दो सर्वोच्च आर्थिक निकायों ने उचित वित्तीय और बजटीय प्रबंधन के बिना राज्यों द्वारा मुफ्त वितरण पर दीर्घकालिक प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है।

अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दायर की गई दलीलों में कहा गया है, "यह प्रस्तुत किया गया है कि राज्य सरकारें अनुच्छेद 293 (3) और (4) की आवश्यकताओं के अनुपालन के बिना भारत सरकार से ऋण बकाया होने पर भी पैसा उधार ले रही हैं। इन प्रावधानों को सख्ती से लागू करना आवश्यक है जिसमें '  राज्य सरकार को क्रेडिट सुविधाएं प्रदान करने के लिए क्रेडिट रेटिंग की प्रणाली शुरू की जा रही है।"

Advertisement

याचिकाकर्ता ने बजटीय प्रावधानों की पर्याप्तता के बिना वित्तीय संसाधनों (मुफ्त उपहार) से जुड़ी चुनावी प्रतिबद्धताओं को बनाने की प्रथा की जांच करने और उपचारात्मक उपायों का सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति के गठन की मांग की है।

इसने राज्यों के सकल राज्य घरेलू उत्पाद के अनुपात में ऋण को कम करने के लिए एक व्यापक नीति तैयार करने और राज्यों के गंभीर तनावपूर्ण वित्त के शुरुआती संकेतों की निगरानी और पूर्वाभास के लिए संस्थागत तंत्र का सुझाव देने की भी मांग की है।

शीर्ष अदालत ने 3 अगस्त को केंद्र, नीति आयोग, वित्त आयोग और आरबीआई जैसे हितधारकों से चुनावों के दौरान घोषित मुफ्त के "गंभीर" मुद्दे पर विचार-मंथन करने और इससे निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने के लिए कहा था, यह कहते हुए कि कोई भी राजनीतिक दल इसका विरोध नहीं करेगा।

अदालत ने इस मुद्दे से निपटने के लिए सरकार को उपाय सुझाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का आदेश देने का संकेत दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि सभी हितधारकों को इस पर विचार करना चाहिए और सुझाव देना चाहिए ताकि वह इस मुद्दे के समाधान के लिए एक निकाय का गठन कर सके।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Freebies, Arvind Kejriwal, Narendra Modi, Supreme Court, BJP, RBI, economic assessment
OUTLOOK 09 August, 2022
Advertisement