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14 May 2025

भारत के नए मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति बीआर गवई, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने आज बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति गवई को पद की शपथ दिलाई। बता दें कि गवई ने सीजेआई संजीव खन्ना का स्थान लिया है। 

जस्टिस गवई पहले बौद्ध सीजेआई हैं और दलित समुदाय से दूसरे ऐसे सीजेआई हैं, जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन होने वाले हैं। 

इससे पहले 2007 में सीजेआई केजी बालकृष्णन ने पदभार संभाला था। जस्टिस गवई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे सेवानिवृत्ति के बाद कोई कार्यभार नहीं संभालेंगे।

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जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपने पिता की तरह राजनीति में शामिल होंगे, तो न्यायमूर्ति गवई ने कहा, "कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है। मैंने सेवानिवृत्ति के बाद कोई कार्यभार या पद नहीं लेने का निर्णय लिया है। कोई भी अन्य कार्यभार सीजेआई पद से नीचे है, राज्यपाल का पद भी सीजेआई पद से नीचे है।"

जस्टिस गवई, आरएस गवई के बेटे हैं, जो एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ हैं, जो बिहार और केरल के राज्यपाल थे। वे एक ऐसे परिवार से हैं जो बीआर अंबेडकर के आदर्शों को बढ़ावा देने में गहराई से लगा हुआ है। उनके पिता एक प्रमुख अंबेडकरवादी और पूर्व सांसद थे।

महाराष्ट्र के एक गांव में जन्मे न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि वह आज भी वर्ष में तीन बार अपने गांव आना पसंद करते हैं, विशेषकर अपने दिवंगत पिता की जयंती और पुण्यतिथि पर तथा गांव में लगने वाले वार्षिक मेले के दौरान।

24 नवंबर 1960 को अमरावती में जन्मे, वे 16 मार्च 1985 को बार में शामिल हुए और बॉम्बे उच्च न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में अपनी प्रैक्टिस शुरू की।

उन्हें 17 जनवरी 2000 को नागपुर पीठ के लिए सरकारी वकील और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। उन्हें 14 नवंबर 2003 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और नवंबर 2005 में वे बॉम्बे उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बन गए।

न्यायमूर्ति गवई को 24 मई, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

पिछले छह वर्षों में, वह संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, सिविल कानून, आपराधिक कानून, वाणिज्यिक विवाद, मध्यस्थता कानून, बिजली कानून, शिक्षा मामले, पर्यावरण कानून आदि सहित विभिन्न विषयों से संबंधित मामलों से निपटने वाली लगभग 700 पीठों का हिस्सा रहे।

न्यायमूर्ति गवई 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। 

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TAGS: President Draupadi Murmu, New CJI, chief justice of India, BR Gavai oath taking ceremony
OUTLOOK 14 May, 2025
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