बदल रहा कश्मीर! पीएम मोदी के रैली से मिले कई संकेत
गुरुवार को श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशाल रैली को संबोधित किया। ये भीड़ न केवल पाकिस्तान की नींद हराम कर देगी बल्कि बल्कि पांच साल पहले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति का भी संकेत है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, स्टेडियम स्थल पर 30,000 से ज्यादा लोग थे। वहीं, शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर में 10,000 और यूटी के जिला मुख्यालय में लगभग 30,000 लोग थे, जिन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम मोदी को देखा।
पिछले दशकों में पहली बार, श्रीनगर जाते समय प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए कोई इंटरनेट बंद नहीं किया गया, कोई हड़ताल नहीं की गई, कोई पथराव नहीं हुआ और कोई पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमला नहीं हुआ। इसका मतलब यह नहीं है कि बड़ी संख्या में उपस्थित लोग सरकारी कर्मचारी थे, दशकों में पहली बार लोगों को श्रीनगर में भगवा पगड़ी पहने और भगवा झंडे लहराते देखा गया।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक कश्मीर पर्यवेक्षकों के अनुसार, "भीड़ ज्यादातर पीएम मोदी को सुनने के लिए वहां मौजूद थी, उनका मानना है कि वह जो भी वादा करते हैं उसे बिना किसी शर्त के लागू करते हैं। जनता को लगता है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से उन्हें सरकार से अधिक लाभ मिला है और यह एहसास हुआ है कि अस्थायी अनुच्छेद से उन्हें केवल आतंकवादी हमले और हिंसा मिली है। भले ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी निकट भविष्य में जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन जनता का संदेश स्पष्ट था।"
कल पीएम ने अपने सार्वजनिक भाषण में पाकिस्तान शब्द का उल्लेख न करके उन्हें भी आश्चर्यचकित कर दिया। 18 अप्रैल, 2003 को 'ऑपरेशन पराक्रम' सशस्त्र लामबंदी के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को दोस्ती का हाथ देने की पेशकश की। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाक प्रायोजित के बाद 7 अप्रैल, 2005 को एक सार्वजनिक रैली में श्रीनगर-मुजफ्फराबाद बस सेवा शुरू की। हालांकि पीएम ने ऐसा कुछ नहीं किया।
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए हुए पांच साल हो गए हैं और घाटी पहले से ही शांतिपूर्ण विकास और भविष्य की आशा कर रही है। कश्मीर के पूर्ववर्ती शक्तिशाली राजनीतिक राजवंशों को किनारे कर दिया गया है और पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता, इस्लामी कट्टरपंथ और आर्थिक संकट से गंभीर संकट में है। पीएम मोदी की रैली में उमड़ी भीड़ इस बात का संकेत है कि आखिरकार कश्मीर में बदलाव आ गया है।