भाषा ही विकास में मदद करेगी, मातृभाषा सीखें: चेन्नई में बोले सीजेआई रमना
भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने शनिवार को कहा कि भाषा सीखना, चाहे वह किसी की मातृभाषा ही क्यों न हो, विकास में मदद करती है। यद्यपि तमिलनाडु में रहने वाले लोग क्षेत्रीय भाषा सीख रहे होंगे लेकिन उन्हें अपनी मातृभाषा, विशेषकर अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए।
सीजेआई ने यहां विश्व तेलुगू महासंघ (डब्ल्यूटीएफ) की 29वीं वर्षगांठ समारोह में बोलते हुए कहा, "आपको तेलुगु में सीखना और बोलना चाहिए। अगर आप अपनी मातृभाषा सीखते हैं तो आप जीवन में और ऊपर आ सकते हैं।" उन्होंने कहा कि वह एक तेलुगु माध्यम के स्कूल में पढ़कर न्यायपालिका में सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं।
उन्होंने कहा, "आप अंग्रेजी, हिंदी या कोई अन्य भाषा सीख सकते हैं। लेकिन मातृभाषा पर मजबूती से टिके रहने से अन्य भाषाओं को आसानी से सीखने में मदद मिलेगी।" सीजेआई ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन पर बोलते हुए ने कहा, "मैं तमिल के लिए उनकी (स्टालिन की) आत्मीयता से उत्साहित महसूस करता हूं। आपको अपनी मातृभाषा के लिए भी इसी तरह की भावना को शामिल करना चाहिए।"
मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी इस समारोह में सम्मानित अतिथि थे, जिसकी शुरुआत आज शाम उमा मुरली द्वारा कुचिपुड़ी प्रदर्शन के साथ हुई। स्पीकरों की लिस्ट में डब्ल्यूटीएफ के अध्यक्ष वी एल इंदिरा दत्त, डब्ल्यूटीएफ के महासचिव ए वी शिवराम प्रसाद और डब्ल्यूटीएफ के सचिव डी एल एन रेड्डी भी शामिल थे।