मध्य प्रदेश उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रशांत किशोर की लेगी मदद, 24 सीटों पर होने हैं चुनाव
मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। इस बाबत चुनावी मैदान में उतरने वाली पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जमकर तैयारियां कर रही हैं। कोरोना संकट के बीच होने वाले उपचुनाव में जीत को लेकर रणनीति बनाने में दोनों पार्टियां जुटी हुई हैं। कांग्रेस इस चुनाव में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेने जा रही है। पार्टी के विधायक पीसी शर्मा ने मंगलवार को कहा कि चुनाव प्रचार के लिए प्रशांत किशोर से बातचीत चल रही है। जिन 24 सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से 22 सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों के बीजेपी में शामिल होने और विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद से खाली हैं। दो सीटें विधायकों की मृत्यु होने के कारण खाली हुई हैं। अभी उपचुनाव के तारीख की घोषणा नहीं हुई है।
प्रशांत किशोर सोशल मीडिया के जरिए लगाएंगे चुनावी नैया को पार!
पीसी शर्मा ने कहा कि वो 24 सीटों पर उपचुनावों के लिए प्रशांत किशोर से बात कर रहे हैं। किशोर चुनाव को लेकर सर्वेक्षण कराएंगे और पार्टी को एक सोशल मीडिया रणनीति बनाने में मदद करेंगे। कोरोना की वजह से रैलियों और जनसभा के आसार नहीं दिख रहे हैं। पार्टी अब सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच पहुंचने की कोशिश कर रही है। प्रशांत किशोर ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया था। वे पार्टी को उम्मीदवारों के चयन और मतदान के मुद्दे को लेकर मदद करेंगे।
बीजेपी ने किया हमला
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, "किशोर क्या करेंगे? कांग्रेस ने समाज के हर वर्ग के लिए झूठे वादे किए हैं। जिसमें कृषि ऋण माफी, बेरोजगारी भत्ता, आदि योजनाएं शामिल हैं, जो विफल रहीं।" रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भाजपा सभी 24 सीटों पर जीत हासिल करने जा रही है, क्योंकि प्रदेश में 15 महीने के शासन के दौरान कांग्रेस पूरी तरह से बेनकाब हुई थी।
230 में से 107 विधायक बीजेपी के पास, शिवराज की है सरकार
230 सीटों वाली विधानसभा में अभी 206 विधायक हैं। इनमें से 107 विधायकों के साथ बीजेपी सत्ता में है, जबकि कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं। हाल ही में प्रदेश में हुए राजनीतिक उठापटक में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार बहुमत साबित करने में विफल हो गई थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनी।