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22 May 2025

मणिपुर: इंफाल घाटी में 48 घंटे के बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित

सरकारी बस से राज्य का नाम हटाए जाने के विरोध में मेइती संगठन ‘कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) द्वारा आहूत 48 घंटे के राज्यव्यापी बंद से बृहस्पतिवार को इंफाल घाटी के पांच जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ।

बंद के आह्वान के तहत सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान, सरकारी और निजी कार्यालय बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे। इंफाल ईस्ट जिले के वांगखेई, खुरई, कोंगबा और इंफाल वेस्ट जिले के क्वाकेथेल, नाओरेमथोंग में बंद समर्थक बंद को लागू करने के लिए सड़कों पर उतर आए और घरों से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को वापस जाने के लिए कहा। बंद बुधवार आधी रात को शुरू हुआ।
 
बंद समर्थकों ने राज्य की राजधानी इंफाल के नाओरेमथोंग, क्वाकेथेल, खुरई और वांगखेई में सड़कों पर टायर भी जलाए।

किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरे इंफाल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

राजभवन की ओर जाने वाले सभी बिंदुओं पर रणनीतिक स्थानों पर केंद्रीय बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

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मणिपुर सरकार ने बुधवार को उन आरोपों के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं, जिनमें कहा गया है कि सुरक्षाकर्मियों ने शिरुई लिली महोत्सव में पत्रकारों को ले जा रही बस में लिखे राज्य के नाम को ढंकने के लिए मजबूर किया।

आरोप है कि सुरक्षा बलों ने सरकारी बस को रोक दिया था। बस में पत्रकार सवार थे जिन्हें सरकार मंगलवार को उखरुल जिले में पर्यटन महोत्सव को कवर करने के लिए ले जा रही थी। उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) के कर्मचारियों को बस की खिड़की पर लिखे राज्य के नाम को सफेद कागज से ढंकने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया।

गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सरकार ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की और कहा है कि वह ‘‘20 मई को ग्वालटाबी ‘चेकपोस्ट’ के पास मणिपुर शिरुई उत्सव को कवर करने के लिए मीडियाकर्मियों को ले जा रही मणिपुर राज्य सड़क परिवहन बस और सुरक्षाकर्मियों से जुड़े तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करेगी।’’

आदेश में कहा गया है, ‘‘समिति किसी भी तरह की चूक की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपाय सुझाएगी।’’

आदेश के अनुसार, आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार और सचिव टीएच किरणकुमार सिंह की समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

घटना पर आक्रोश के बीच, सीओसीओएमआई ने बुधवार आधी रात से 48 घंटे की आम हड़ताल का आह्वान किया और राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से माफी मांगने तथा सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह और मुख्य सचिव प्रशांत कुमार सिंह के इस्तीफे की मांग की।

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TAGS: Manipur violence, Manipur shutdown, BJP, Coordination Committee on Manipur Integrity, Imphal Valley, Raj Bhawan
OUTLOOK 22 May, 2025
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