मराठा आरक्षण की भड़की आग, पुलिस ने अबतक 59 लोगों को किया गिरफ्तार
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में जारी गतिरोध के बीच महाराष्ट्र पुलिस ने अशांति फैलाने के आरोप में अब तक 49 लोगों को हिरासत में ले लिया है। दरअसल महाराष्ट्र के बीड़ जिले में मराठा आरक्षण को लेकर जगह जगह प्रदर्शन हो रहा है। राज्य में जिले भर में हिंसक उपद्रव भी हुए और कुछ नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इन घटनाओं के मद्देनजर पुलिस ने वहां पर कर्फ्यू लगा दिया। हालांकि अभी तक किसी बड़े जान माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आयी है।
पुलिस अधीक्षक नंद कुमार ठाकुर ने पीटीआई को दिए अपने बयान में कहा है कि हालात अभी काबू में है चिंता की कोई बात नहीं है।
इस बीच, आंदोलन बढ़ने पर सोमवार शाम को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और उन्हें स्थिति और इसे नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी दी। कुछ घंटे पहले, सत्तारूढ़ सहयोगी भाजपा की कोर कमेटी ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के आवास पर बैठक की। प्रदर्शनकारियों ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में एक भाजपा विधायक के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की और मराठवाड़ा क्षेत्र के अन्य हिस्सों में राजमार्गों को अवरुद्ध करते हुए राज्य परिवहन बसों पर पथराव किया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मराठा आरक्षण विरोध के एक प्रमुख व्यक्ति, मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा करने के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार सुबह जारांगे पाटिल से संपर्क किया और बीस मिनट से अधिक समय तक चर्चा की। पाटिल ने शिंदे से बात करने के बाद कहा, "हम आधे-अधूरे मन से आरक्षण नहीं चाहते। हमारी मांग है कि सभी जरूरतमंद मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र मिलना चाहिए।" पाटिल ने कहा कि जब तक सभी मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी।