गलत सूचना लोकतंत्र को करता है कमजोर, सीजेआई का बयान, "फर्जी खबरों के प्रसार में सच्ची जानकारी दब जाती है"
सीजेआई ने कहा, “प्रसार के पैमाने के आधार पर, फर्जी खबरें सच्ची जानकारी को खत्म कर देती हैं, जिससे विमर्श का चरित्र सच्चाई की जगह सबसे तेज आवाज से दब जाता है।” उन्होंने कहा, “इसलिए, दुष्प्रचार में लोकतांत्रिक चर्चा को हमेशा के लिए खराब करने की शक्ति होती है, जो स्वतंत्र विचारों के बाजार को नकली कहानियों के भारी बोझ के नीचे पतन की ओर धकेल देती है।” सीजेआई ने कहा कि हर दिन अखबार पर एक सरसरी नजर डालने से फर्जी अफवाहों और लक्षित दुष्प्रचार अभियानों से भड़की सांप्रदायिक और नैतिकता के पैरोकार बनकर की जाने वाली हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती हैं।
सीजेआई ने कहा कि दुनिया भर में – चाहे वह लीबिया हो, फिलीपीन हो, जर्मनी हो या अमेरिका – फर्जी खबरों के प्रसार से चुनाव और नागरिक समाज कलंकित हुआ है। उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि जब देश दुखद कोविड-19 महामारी का सामना कर रहा था, तब इंटरनेट फर्जी खबरों और अफवाहों से भरा हुआ था–मुश्किल वक्त में हास्य राहत का एक स्रोत, लेकिन यह हमें इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं पर पुनर्विचार करने के लिए भी मजबूर कर रहा था।”
सीजेआई ने कहा कि डिजिटल युग में गोपनीयता केवल डेटा सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह एक मौलिक अधिकार है, जिसका “हमें सक्रिय रूप से समर्थन करना चाहिए."