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01 December 2023

नागार्जुन सागर बांध विवाद: ‘आंध्र, तेलंगाना पानी छोड़ने की शर्त पर सहमत’; सीआरपीएफ करेगा निगरानी

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना 28 नवंबर की स्थिति के अनुसार नागार्जुन सागर बांध का पानी छोड़ने के केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं। बांध को लेकर हुए विवाद के बाद भल्ला ने शुक्रवार को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ ऑनलाइन बैठक की, जिसमें यह सहमति बनी।

आंध्र प्रदेश ने 29 नवंबर को राज्य पुलिस का उपयोग करके नागार्जुन सागर बांध के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया और ‘‘एकतरफा’’ तरीके से दाहिनी नहर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया, जिससे दोनों राज्यों के बीच तनाव पैदा हो गया। तेलंगाना सरकार की ओर से आज जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों राज्यों ने नागार्जुन सागर बांध का पानी 28 नवंबर की स्थिति के अनुसार छोड़ने के भल्ला के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और बांध की निगरानी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) करेगा।

तेलंगाना की मुख्य सचिव शांति कुमारी ने आरोप लगाया कि पड़ोसी राज्य से लगभग 500 सशस्त्र पुलिसकर्मी 29 नवंबर की रात नागार्जुन सागर बांध पर पहुंचे और सीसीटीवी कैमरों को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा गेट नंबर-पांच और सात से लगभग पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के इस कदम से हैदराबाद और आसपास के क्षेत्रों के दो करोड़ लोगों की पेयजल आपूर्ति बाधित हो जाएगी। उधर, आंध्र प्रदेश के सिंचाई मंत्री ए रामबाबू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने अपने राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए नागार्जुनसागर बांध के एक हिस्से का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। इस कदम को उचित ठहराते हुए उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार कृष्णा नदी के 66 प्रतिशत पानी की हकदार है।

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रामबाबू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘परियोजना के 13 गेटों को अपने नियंत्रण में लेने की बृहस्पतिवार की कार्रवाई उचित है। आंध्र प्रदेश सरकार ने कोई गलती नहीं की, बल्कि केवल अपने अधिकारों की रक्षा की।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘13वें गेट तक बांध पर आंध्र प्रदेश के लोगों का अधिकार है। मैं तेलंगाना के लोगों को बताना चाहता हूं कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है, हम कोई विवाद नहीं चाहते हैं। हमने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया।’’

तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि नागार्जुन सागर बांध के आधे हिस्से पर कथित तौर रूप से नियंत्रण करने, इसके एक हिस्से पर अवरोधक लगाने और मौके पर तेलंगाना पुलिस तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को प्रवेश करने से रोकने के बाद राज्य के नलगोंडा जिले में आंध्र प्रदेश पुलिस के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। आंध्र प्रदेश पुलिस के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत गलत तरीके से प्रवेश पर रोक लगाने, अतिक्रमण करने और शरारत पूर्ण हरकत करने सहित अन्य आरोपों में मामले दर्ज किये गये हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई’ को बताया कि तेलंगाना पुलिस उनके खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धाराएं जोड़ने की प्रक्रिया में है। आंध्र प्रदेश पुलिस की एक टुकड़ी ने 29 को देर रात नलगोंडा जिले में नागार्जुन सागर बांध स्थल पर ‘‘घुसपैठ’’ की और बांध क्षेत्र में प्रवेश करने वाली जगह की सुरक्षा कर रहे तेलंगाना के विशेष सुरक्षा बल (एसपीएफ) को कथित तौर पर धक्का दे दिया। इसके चलते दोनों राज्यों के बीच तनाव पैदा हो गया है।

तेलंगाना पुलिस ने कहा था कि आंध्र प्रदेश पुलिस बल ने बांध के आधे हिस्से पर नियंत्रण कर लिया, जिसमें 26 दरवाजे हैं और इसके चारों ओर अवरोधक लगा दिये। इसके बाद, आंध्र प्रदेश के सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नहर से पानी भी छोड़ दिया।आंध्र प्रदेश पुलिस के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज कराई गईं हैं। इनमें एक तेलंगाना विशेष सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कराई है, जिन्होंने आरोप लगाया कि आंध प्रदेश पुलिस ने प्रवेश द्वार और सीसीटीवी को नुकसान पहुंचाया और तेलंगाना के सुरक्षाकर्मियों को बलपूर्वक बाहर निकाल दिया।

एसपीएफ अधिकारी ने यह भी कहा कि आंध प्रदेश पुलिस ने उन्हें गलत तरीके से प्रवेश करने से रोका। पुलिस ने बताया कि दूसरी शिकायत तेलंगाना सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने दर्ज कराई है। अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद तेलंगाना से अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने दावा किया कि कृष्णा नदी पर बने नागार्जुन सागर बांध पर तेलंगाना सरकार का नियंत्रण है।

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TAGS: Nagarjuna Sagar Dam dispute, Andhra Pradesh, Telangana, CRPF will monitor Nagarjuna Sagar Dam Dispute, Andhra and Telangana on Dam dispute
OUTLOOK 01 December, 2023
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