‘एक भी प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ’: वायुसेना प्रमुख की रक्षा खरीद में देरी पर कड़ी चेतावनी
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा खरीद और परियोजनाओं में बार-बार होने वाली देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए समयबद्ध डिलीवरी और जवाबदेही की आवश्यकता पर बल दिया। गुरुवार को नई दिल्ली में सीआईआई वार्षिक बिजनेस समिट 2025 को संबोधित करते हुए उन्होंने रक्षा विनिर्माण और खरीद प्रक्रिया में अनुशासन की कमी को रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “समयसीमा एक बड़ा मुद्दा है। मेरी जानकारी में एक भी परियोजना ऐसी नहीं है जो समय पर पूरी हुई हो। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।”
सिंह ने रक्षा अनुबंधों में अव्यावहारिक समयसीमा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कई बार अनुबंध साइन करते समय ही यह स्पष्ट होता है कि सिस्टम समय पर डिलीवर नहीं होंगे। उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 2021 में हुए 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध का उदाहरण दिया, जिसमें 83 तेजस एमके1ए लड़ाकू विमानों की डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी। हालांकि, अभी तक एक भी विमान वायुसेना को नहीं सौंपा गया है। उन्होंने इस देरी को रक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत का प्रतीक बताया।
वायुसेना प्रमुख ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूत करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने उन्नत मध्यम युद्धक विमान (एएमसीए) परियोजना में निजी क्षेत्र को शामिल करने की मंजूरी को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “हमें केवल भारत में विनिर्माण की बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि डिजाइन और विकास पर भी ध्यान देना होगा। हमें स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना चाहिए ताकि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।”
सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए इसे ‘राष्ट्रीय जीत’ करार दिया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जो सशस्त्र बलों, डीआरडीओ और अन्य एजेंसियों के समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की रक्षा क्षमता और संकल्प को दर्शाता है।
वायुसेना प्रमुख ने रक्षा क्षेत्र में सुधारों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि समय पर डिलीवरी और गुणवत्ता सुनिश्चित करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।