अमेरिका नहीं, रूस है दोस्त! व्लादिमीर पुतिन अगस्त में भारत आएंगे
अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का संभावित भारत दौरा वैश्विक कूटनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। रायटर्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मॉस्को में रूसी सुरक्षा परिषद के प्रमुख सर्गेई शोइगु से मुलाकात के दौरान यह जानकारी साझा की कि पुतिन अगस्त के अंत में भारत यात्रा पर आ सकते हैं। इस घोषणा को केवल एक सामान्य द्विपक्षीय दौरे के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि यह अमेरिका के साथ भारत के आर्थिक तनाव और रूस के साथ रणनीतिक संतुलन साधने के नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है।
बीते सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर नाराजगी जाहिर करते हुए भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया। इस टैरिफ वार के बीच पुतिन का भारत दौरा पश्चिमी खेमे को एक साफ संदेश हो सकता है कि भारत अपने स्वतंत्र विदेश नीति के रास्ते पर अडिग है और किसी दबाव में झुकने को तैयार नहीं।
भारत और रूस के बीच दशकों पुराना रक्षा सहयोग, ऊर्जा व्यापार और वैश्विक मंचों पर आपसी समर्थन इस दौरे के दौरान और मजबूत होने की संभावना है। खासकर तब जब दुनिया बहुपक्षीय ध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है और अमेरिका-चीन तथा अमेरिका-रूस के तनाव बढ़ते जा रहे हैं, भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखते हुए संतुलन की भूमिका निभाए।
यह दौरा ब्रिक्स, एससीओ और जी20 जैसे मंचों पर भारत-रूस के समन्वय को भी रेखांकित करेगा। साथ ही भारत की तेल आपूर्ति, रक्षा उपकरण और वैश्विक दक्षिण में नेतृत्व की भूमिका को भी पुख्ता करेगा। अमेरिका से टकराव के इस दौर में पुतिन का दौरा मोदी सरकार के लिए भी एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा सकता है।