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01 February 2024

ज्ञानवापी मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- कोर्ट का फैसला पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वाराणसी अदालत द्वारा हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर तहखाने क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति देने का फैसला पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है।

असदुद्दीन औवेसी ने कहा, ''जिस जज ने फैसला सुनाया, वह रिटायरमेंट से पहले उनका आखिरी दिन था। जज ने 17 जनवरी को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त किया और आखिरकार उन्होंने सीधे फैसला सुना दिया। उन्होंने खुद कहा कि 1993 के बाद से कोई नमाज नहीं पढ़ी गई। 30 साल हो गए हैं। उन्हें कैसे पता कि अंदर मूर्ति है? यह पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है।"

औवेसी ने कहा, "उन्होंने 7 दिनों के भीतर ग्रिल खोलने का आदेश दिया है। अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाना चाहिए था। यह गलत निर्णय है। जब तक मोदी सरकार यह नहीं कहती कि वे पूजा स्थल अधिनियम के साथ खड़े हैं, यह जारी रहेगा। बाबरी मस्जिद स्वामित्व मुकदमे के फैसले के दौरान, मैंने यह आशंका व्यक्त की थी। पूजा स्थल अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मूल संरचना का हिस्सा बनाया गया था, फिर निचली अदालतें आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही हैं?"  

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उन्होंने आगे कहा कि इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करेगी। यह तब हुआ जब वाराणसी अदालत ने बुधवार को हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर 'व्यास का तेखाना' क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति दी। कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने एएनआई को बताया, "सात दिनों के भीतर पूजा शुरू हो जाएगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा।"

 

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TAGS: Gyanvapi verdict, gyanvapi mosque case, asaduddin owaisi on gyanvapi verdict, AIMIM, BJP
OUTLOOK 01 February, 2024
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