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14 January 2025

पाकिस्तान को पीओके में आतंकी ढांचे को नष्ट करना चाहिए: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित कर भारत को अस्थिर करने के लगातार प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि उसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अपने आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना होगा या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, पाक अधिकृत कश्मीर के बिना अधूरा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद के केंद्र के रूप में किया जा रहा है, तथा इसकी भूमि प्रशिक्षण शिविरों और घुसपैठ गतिविधियों के लिए ‘लांच पैड’ के रूप में काम कर रही है।

सिंह ने अखनूर इलाके में पूर्व सैनिकों की रैली को संबोधित करते हुए कहा, “पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद का कारोबार चलाने के लिए किया जा रहा है। आज भी वहां आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। सीमा के पास के इलाकों में लॉन्च पैड बनाए गए हैं और भारत सरकार को इस बारे में पुख्ता जानकारी है और वह हालात से पूरी तरह वाकिफ है। पाकिस्तान को इसे खत्म करना होगा, नहीं तो...।”

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पीओके पर भारत की स्थिति दोहराते हुए उन्होंने कहा, “पीओके के बिना जम्मू-कश्मीर अधूरा है। पाकिस्तान के लिए पीओके विदेशी क्षेत्र से ज्यादा कुछ नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा कि पीओके के लोग सम्मानजनक जीवन से वंचित हैं और पाकिस्तान के शासकों ने अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए धर्म के नाम पर उनका शोषण किया है।

सिंह ने पीओके के प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक की हाल की टिप्पणियों की भी निंदा की तथा कहा कि यह जनरल जिया-उल-हक के समय से पोषित पाकिस्तान के भारत विरोधी एजेंडे का ही एक हिस्सा है।

आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी नीति को छोड़ने में पाकिस्तान की विफलता पर प्रहार करते हुए सिंह ने कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा भारत को अस्थिर करने का हर संभव प्रयास किया है। वह अपने प्रयास जारी रखता है। इसके बावजूद पाकिस्तान ने कभी आतंकवाद को नहीं छोड़ा है। जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से आते हैं।”

उन्होंने 1965 से आतंकवाद और घुसपैठ को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की तथा इस बात पर बल दिया कि इस तरह के प्रयास जम्मू-कश्मीर के लोगों का समर्थन हासिल करने में बार-बार नाकाम रहे हैं।

सिंह ने कहा, “न तो 1965 के युद्ध के दौरान और न ही आतंकवाद के चरम के दौरान जम्मू कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान का साथ दिया। इसके बजाय, यहां हमारे कई मुस्लिम भाइयों ने आतंकवाद से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।”

उन्होंने मोहम्मद उस्मान जैसे व्यक्तियों के बलिदान पर भी प्रकाश डाला, जिन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

सिंह ने कहा, “आज भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद उसने आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी नीति नहीं छोड़ी है। भारत सरकार पीओके में हो रही गतिविधियों से पूरी तरह वाकिफ है और अपनी संप्रभुता व सुरक्षा के लिए किसी भी तरह का खतरा बर्दाश्त नहीं करेगी।”

उन्होंने पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध में भारतीय सेना के वीरतापूर्ण प्रयासों को भी याद किया तथा उन बलिदानों और रणनीतिक प्रतिभा पर प्रकाश डाला जिसके कारण भारत को जीत मिली।

सिंह ने अखनूर की लड़ाई के महत्व को रेखांकित किया, जहां भारतीय सेना ने पाकिस्तान के ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम को सफलतापूर्वक विफल कर दिया और लाहौर तक आगे बढ़ गई।

 

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TAGS: Rajnath Singh on terrorism, Rajnath singh on POK, Pak sponsored terrorism, Terrorism in pakistan, India Pakistan relationship
OUTLOOK 14 January, 2025
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