'पाकिस्तान के सैन्य हमले का मिलेगा कड़ा जवाब': विदेश मंत्री एस. जयशंकर का सख्त बयान
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान की किसी भी जवाबी कार्रवाई के खिलाफ भारत के कड़े रुख को स्पष्ट किया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले का जवाब था। जयशंकर ने गुरुवार को ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची और सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री आदिल अलजुबेर के साथ अलग-अलग बैठकों में आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "यदि हम पर कोई सैन्य हमला हुआ, तो उसका कठोर और निर्णायक जवाब दिया जाएगा।"
'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच पाकिस्तान और PoK में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन से सटीक हमले किए, जिसमें 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए। रक्षा मंत्रालय ने इसे "न्यायपूर्ण, संयमित और गैर-उत्तेजक" कार्रवाई बताया, जिसमें कोई नागरिक या पाकिस्तानी सैन्य सुविधा प्रभावित नहीं हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान के लिंक थे।
जयशंकर ने अपनी बैठकों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने सऊदी के मंत्री के साथ चर्चा में भारत की स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकी खतरों को बेअसर करने के लिए था। ईरानी मंत्री के साथ बातचीत में उन्होंने भारत की क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि भारत किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देगा।
पाकिस्तान ने ऑपरेशन के बाद जम्मू-कश्मीर में भारी गोलाबारी की, जिसमें 15 नागरिक और एक जवान मारे गए। भारत ने इसका कड़ा जवाब दिया, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया। जयशंकर ने फ्रांस, जर्मनी, जापान और कतर के विदेश मंत्रियों से भी बात की और भारत के कदम को समर्थन मिला। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। एस जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता ने भारत की स्थिति को वैश्विक मंच पर मजबूत किया है।