प्रधानमंत्री के लिए ‘पनौती’ टिप्पणी: निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी को भविष्य में सतर्क रहने की सलाह दी
निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ‘पनौती’ और ‘जेबकतरा’ संबंधी बयानों के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपने सार्वजनिक बयानों में अधिक सावधानी बरतने और सतर्क रहने को कहा है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।पिछले साल दिसंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने गांधी से कहा कि वह स्टार प्रचारकों और राजनीतिक नेताओं के लिए जारी हालिया परामर्श का सही तरीके से पालन करें।एक मार्च को जारी परामर्श में आयोग ने चेतावनी दी थी कि दलों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को आदर्श आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन के लिए सिर्फ ‘नैतिक निंदा’ के बजाय कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
इसमें यह भी कहा गया है कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पूर्व में नोटिस मिल चुके हैं, उन्हें बार-बार आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस नेता की ओर से प्रधानमंत्री के लिए ‘पनौती’ और ‘जेबकतरा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर आयोग ने पिछले साल गांधी को नोटिस जारी किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को आयोग से इन टिप्पणियों के लिए गांधी को जारी किए गए नोटिस पर फैसला करने के लिए भी कहा था, जिसमें कहा गया था कि नवंबर 2023 में दिए गए एक भाषण के दौरान कांग्रेस नेता द्वारा दिया गया बयान ‘अरुचिकर’ (नॉट इन गुड टेस्ट) था। सूत्रों ने बताया कि अदालत के निर्देश को देखते हुए आयोग ने राहुल गांधी से भविष्य में उनसे सार्वजनिक बयानों में अधिक सावधान रहने को कहा है।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘अदालत के आदेश और गांधी के जवाब सहित ‘जेबकतरा’ और ‘पनौती’ जैसी टिप्पणियों से जुड़े मामले में सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद आयोग ने गांधी को भविष्य में अधिक सावधान रहने की सलाह दी है।’’ आयोग ने एक स्टार प्रचारक के रूप में राहुल गांधी को निर्देश दिया है कि वह सभी दलों, स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों के लिए एक मार्च को जारी परामर्श पर गंभीरता से ध्यान दें।
आयोग ने 23 नवंबर को राहुल गांधी को नोटिस जारी कर राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए उनके भाषणों पर उनका रुख पूछा था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने चुनावी भाषण के दौरान मोदी पर ‘जेबकतरा’ संबंधी कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री लोगों का ध्यान भटकाते हैं जबकि उद्योगपति गौतम अडाणी उनकी जेबें काटते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया था कि जेबकतरे ऐसे ही काम करते हैं। अदालत का आदेश एक याचिका के बाद आया है जिसमें गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को ‘पनौती’ के रूप में संदर्भित करने वाले कुछ अन्य बयानों पर भी आपत्ति जताई गई थी।