संसद सुरक्षा चूक: दिल्ली पुलिस की अर्जी को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई अदालत
दिल्ली उच्च न्यायालय ने संसद सुरक्षा चूक मामले में एक आरोपी को प्राथमिकी की प्रति सौंपने के निचली अदालत के एक आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की एक अर्जी को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पुलिस के वकील ने मामले का उल्लेख किया। वकील ने कहा, ‘‘हमने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिन संवेदनशील मामलों में हम प्राथमिकी की प्रति नहीं देते, उन्हें आयुक्त के पास जाना होता है। हालांकि (निचली अदालत ने) निर्देश दिया कि हम प्रति सौंपें।’’ न्यायमूर्ति मनमोहन ने इसे आज सूचीबद्ध करने के लिए सहमति जता दी।
विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों- मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे और नीलम देवी की हिरासत पांच जनवरी तक बढ़ा दी थी। नीलम के आवेदन पर निचली अदालत ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया था कि प्राथमिकी की प्रति उसके वकील को सौंपें।
संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन गत 13 दिसंबर को सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई थी जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए थे और उन्होंने नारेबाजी करते हुए ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया था। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया था।
लगभग इसी समय पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले दो अन्य लोगों अमोल शिंदे और नीलम देवी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन लोगों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और कुछ अन्य नारे लगाये थे। पुलिस ने इन चारों आरोपियों के अलावा मामले में ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार कर लिया है। सभी छह आरोपियों से पुलिस हिरासत में पूछताछ की जा रही है।