पायलट संगठन ने रॉयटर्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल को भेजा नोटिस: एयर इंडिया हादसा कवरेज पर विवाद
भारतीय पायलट संगठन, जिसे भारतीय पायलट महासंघ कहते हैं, ने रॉयटर्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 के हादसे की खबरों को लेकर है। यह हादसा 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुआ था, जिसमें 260 से ज्यादा लोग मारे गए थे। संगठन का कहना है कि इन समाचार एजेंसियों ने बिना सबूत के ऐसी खबरें छापीं, जो पायलटों की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली थीं। संगठन ने इन्हें मानहानि करने वाला बताया और माफी मांगने व खबरें वापस लेने की मांग की है।
भारत की विमान दुर्घटना जांच एजेंसी की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787 के इंजन के ईंधन नियंत्रण स्विच को उड़ान भरने के बाद "चालू" से "बंद" कर दिया गया था। कॉकपिट में हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग में एक पायलट पूछता है कि ईंधन क्यों बंद किया गया, जबकि दूसरा इसे नकारता है। लेकिन रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि स्विच किसने बदला। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कुछ गुमनाम स्रोतों के हवाले से दावा किया कि कप्तान ने जानबूझकर ईंधन बंद किया। रॉयटर्स ने भी ऐसी ही खबर छापी। संगठन का कहना है कि ये खबरें गलत हैं और मृत पायलटों के परिवारों को दुख दे रही हैं।
पायलट संगठन, जिसे भारतीय एयरलाइन पायलट संघ का समर्थन है, ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में पायलटों की गलती की पुष्टि नहीं हुई है। संगठन ने मांग की है कि दोनों समाचार एजेंसियां अपनी गलती सुधारें। जांच एजेंसी ने भी मीडिया से कहा है कि वे जल्दबाजी में निष्कर्ष न निकालें। सरकार और एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भी पायलटों पर दोष लगाने वाली खबरों को गलत बताया है। जांच में मशीन की खराबी या स्वचालित प्रणाली की गलतियों, जैसे स्टेबलाइजर स्थिति दोष या थ्रस्ट नियंत्रण खराबी, की संभावना भी देखी जा रही है।
संगठन ने कहा कि ऐसी खबरें पायलटों का मनोबल तोड़ती हैं और जांच को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने जोर दिया कि अंतिम रिपोर्ट आने तक किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए। दोनों समाचार एजेंसियों से जवाब मांगा गया है, और यह मामला अभी सुर्खियों में है।