पीएम मोदी ने चोल वंश की कूटनीति को भारत की ताकत से जोड़ा, आतंकवादियों को फिर दी चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चोल वंश की ऐतिहासिक कूटनीति और समुद्री शक्ति की सराहना करते हुए इसे आधुनिक भारत की सामरिक ताकत और वैश्विक प्रभाव से जोड़ा। उन्होंने कहा कि चोल शासकों की दूरदर्शी कूटनीति, समुद्री वर्चस्व और सांस्कृतिक आदान-प्रदान ने भारत को प्राचीन काल में वैश्विक मंच पर एक मजबूत पहचान दिलाई थी। पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक विरासत को वर्तमान भारत की विदेश नीति और रक्षा रणनीति के लिए प्रेरणादायक बताया।
प्रधानमंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ कार्रवाई का प्रतीक करार दिया। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।" मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत की नीति शांति, सहयोग और वैश्विक साझेदारी पर आधारित है, लेकिन देश किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
चोल वंश के वैश्विक व्यापार और सांस्कृतिक प्रभाव को याद करते हुए पीएम ने कहा कि उनकी समुद्री शक्ति और कूटनीतिक रणनीतियों ने न केवल भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध किया, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी विश्व में उसका प्रभाव बढ़ाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज का भारत भी उसी भावना के साथ वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। चाहे वह अंतरराष्ट्रीय सहयोग हो या आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, भारत हर मोर्चे पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
मोदी ने यह भी कहा कि भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए समर्पित है। उन्होंने देशवासियों से चोल वंश की विरासत से प्रेरणा लेने और भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में और मजबूत करने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने सशस्त्र बलों की तारीफ की और कहा कि उनकी ताकत और समर्पण देश की सुरक्षा की रीढ़ है।