जन औषधि योजना के लाभर्थियों से पीएम ने की बातचीत, लोगों ने गिनाए यह फायदें
देश के भीतर जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने "जन औषधि दिवस" के अवसर पर आज जन औषधि केंद्र के मालिकों और लाभार्थियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बात किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने जन औषधि दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया।इस अवसर पर उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने 'जन औषधि दिवस' को चिह्नित करने के लिए कहा, "जन औषधि योजना ने भारत में एक क्रांति ला दी है।"
कार्यक्रम में पीएम मोदी एक 'जन औषधि योजना' के लाभार्थी से पूछते हैं कि इस योजना ने उन्हें आर्थिक रूप से कैसे मदद की है। इसके जवाब में एक लाभार्थी ने कहा, "पहले मुझे दवाएं खरीदने में 1500-1600 रुपये का खर्च आता था, और अब इस योजना के साथ, मुझे 250-300 रुपये का खर्च आता है।"
वहीं, ओडिशा के सुरेश ने बताया कि उन्हें भी इससे काफी फायदा हुआ है। अब हर माह दो से ढाई हजार की बजट हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई दवाई नहीं है जो वहां पर नहीं मिलती हैं।
जब कर्नाटक की बबीता से पीएम मोदी ने पूछा कि उन्हें इससे कैसे लाभ मिला? तब बबीता ने बताया कि वो इस योजना और इसके केंद्रों का लोगों के बीच जागरूकता फैलाती हैं और इसके लिए वो सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करती हैं।
आपको बता दें जेनेरिक दवाओं के उपयोग और जन औषधि परियोजना के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1 मार्च से, जन औषधि सप्ताह पूरे देश में मनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस सप्ताह जन औषधि संकल्प यात्रा, मातृ शक्ति सम्मान, जन औषधि बाल मित्र, जन औषधि जन जागरण अभियान, आओ जन औषधि मित्र बने और जन औषधि जन आरोग्य मेला सहित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया है।