Advertisement
14 October 2020

पंजाब की सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती के लिए महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण

पंजाब राज्य सिविल सेवाओं में सीधी भर्ती के तहत महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का फैसला किया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में हुए इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने कहा कि औरतों के सशक्तिकरण और समाज में बराबरी का माहौल सृजन करने को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हमेशा प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सिविल सेवाएं (औरतों के लिए पदों का आरक्षण) नियम, 2020 को कैबिनेट की मंज़ूरी के साथ समूह बोर्डों और कॉर्पोरेशनों समेत सभी सरकारी नौकरियों में ग्रुप ए, बी, सी और डी पदों के लिए सीधी भर्ती के समय औरतों को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, जिससे राज्य की औरतों को सरकारी क्षेत्र में रोजग़ार के और ज्य़ादा मौके मिलेंगे।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के यत्नों के स्वरूप पंजाब पंचायती राज (संशोधन) एक्ट और पंजाब म्यूंसीपल (संशोधन) एक्ट बनाकर पंचायती राज संस्थाओं और म्यूंसीपल संस्थाओं के मतदान में औरतों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।

 

ज़मीन के कब्ज़े वाले काश्तकारों को मिलेगा ज़मीन का मालिकाना हक: राज्य में कृषि ज़मीनों पर कब्ज़े करने वाली कुछ ख़ास श्रेणियों से सम्बन्धित व्यक्तियों को मालिकाना हक देने की कोशिश के तौर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब कैबिनेट ने बुधवार को पंजाब भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मंढीमार, पनाही कदीम, सौंजीदार (मालिकाना अधिकारी देना) बिल, 2020 को मंज़ूरी दे दी है। इन श्रेणियों के 11,231 व्यक्तियों जिनके पास इस समय पर 4000 एकड़ के करीब निजी ज़मीनों का कब्ज़ा है, को सरकार द्वारा जल्द ही नोटीफायी किए जाने वाले ग्रेड्स के अनुसार बनते मुआवज़े की अदायगी के बाद मालिकाना अधिकार मिलेंगे। मंत्रीमंडल ने भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मंढीमार, पनाह कदीम, सौंजीदार के तौर पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज व्यक्तियों की विशेष श्रेणियों को मान्यता देने के राजस्व विभाग के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ऐसीं ज़मीनों के काश्तकारों को मालिकाना अधिकार देने के लिए कृषि सुधारों का हिस्सा है जो ज़्यादातर समाज के आर्थिक और सामाजिक तौर पर कमज़ोर वर्गों से सम्बन्धित हैं। यह काश्तकार कई सालों से ज़मीन के छोटे हिस्सों पर काबिज़ हैं और पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपने अधिकारों के वारिस बनते हैं। उनके पास मालिकाना हक न होने के कारण वह न तो फ़सलीय कजऱ्ों के लिए वित्तीय संस्थाओं तक पहुँच कर सके।

Advertisement

झुग्गी झोपडिय़ों वालों के ज़मीनी मालिकाना हकों को हरी झंडी:

पंजाब कैबिनेट ने बुधवार को झुग्गी झोपड़ी वालों को ज़मीन के मालिकाना हक देने के लिए ‘पंजाब बिल डवैलअरज़ (प्रोप्रायटरी रायटस) एक्ट, 2020 के नियमों को नोटिफिकेशन करने की मंजूरी दे दी जिससे इनको बुनियादी सहूलतें मुहैया करनी यकीनी बनेंगी।स्थानीय निकाय विभाग ने पहले ही पंजाब बिल डवैलअरज़ (प्रोप्रायटरी रायटस), एक्ट 2020 की धारा 17 के उपबंधों को ध्यान में रख कर एक्ट को लागू करने के लिए शहरी स्थानीय इकाई के लिए रूप रेखा तैयार करने के लिए ‘बसेरा-मुख्यमंत्री झुग्गी झोंपड़ी विकास प्रोग्राम’ तैयार किया था। शहरी क्षेत्रों के वृद्धि और विकास और प्रवासी जनसंख्या की आमद के नतीजे के तौर पर हाल ही के पिछले दशकों में पंजाब में सरकारी ज़मीनों पर कई अनाधिकृत झुग्गी झौंपडिय़ां बस गई जिससे सरकार के लिए शहर के निवासियों के साथ इन झुग्गी झौंपडिय़ों के निवासियों को प्राथमिक सहूलतें प्रदान करना एक चुनौती बना हुआ है। शहरों के टिकाऊ विकास के लिए राज्य के शहरी क्षेत्रों की झुग्गी झौंपडिय़ों का प्रबंधन एक बड़ी चिंता का विषय है जो कोई इन नियमों के बनने से कुछ हद तक हल हो जाएंगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: पंजाब, सरकारी नौकरी, सीधी भर्ती, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, कैप्टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस, 33% reservation for women, direct recruitment, Punjab government jobs
OUTLOOK 14 October, 2020
Advertisement