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25 February 2023

पंजाब: गुरु गुड़ हुए चेला हुआ चीनी

“कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की सजा की तय अवधि से पहले रिहाई को आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार की मुहर नहीं लग पाई”

एक वक्त वह था, जब भगवंत मान लाफ्टर चैलेंज के मंच पर दर्जनों प्रतिभागियों के बीच अपने हुनर से कॉमेडी शो के जजों को कायल करने की ख्वाहिश रखते थे। जजों में पूर्व क्रिकेटर तथा अब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी हुआ करते थे। कहते हैं सिद्धू कायल हुए और मान के कॉमेडी करियर को आगे बढ़ाने में मददगार बने। लेकिन अब मौजूदा दौर में लौट आइए। एक दशक में मंच बदल गया है। मान पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री हैं और सिद्धू हाल के दौर में सियासी नाकामियों के साथ एक पुराने मामले में जेल की सजा काट रहे हैं। सजा का वक्त किनारे आया तो कायदे के मुताबिक कुछेक महीने पहले सजा माफ करने का मामला बतौर मुख्यमंत्री मान के सामने आया। लेकिन किन्हीं वजहों से वे सजा माफ नहीं कर पाए। बेशक, वजहें सियासी हो सकती हैं। सो, अब सिद्धू को अप्रैल भी सलाखों के पीछे ही काटना पड़ेगा।

पिछली तीन फरवरी को पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में कई कैदियों की जेल से रिहाई को मंजूरी मिली, मगर सिद्धू की रिहाई पर मुहर नहीं लग सकी। इससे कांग्रेसी हलकों में रिहाई की मांग को लेकर सियासत तेज हो गई। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा, “जेल में अच्छे आचरण की वजह से हर गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस पर कैदियों को सजा की तय अवधि से पहले रिहा किए जाने का प्रावधान है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाकर राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह अच्छे आचरण वाले कैदियों की रिहाई समय से पहले कर सकती है। 3 फरवरी को कई कैदियों की रिहाई हुई पर सिद्धू की रिहाई रोककर मुख्यमंत्री मान ने छोटी सोच का परिचय दिया।”

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इस बार भी राज्य सरकार ने जेल विभाग से कैदियों की सूची मांगी थी। खबर है कि सूची में सिद्धू का नाम भी था लेकिन 25 जनवरी को कैबिनेट बैठक न हो पाने के कारण सिद्धू की रिहाई खटाई में पड़ गई थी। इससे सिद्धू के पटियाला स्थित घर में स्वागत पार्टी और प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारियां धरी रह गईं और वे श्रीनगर में 29 जनवरी को संपन्न हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल नहीं हो पाए। दरअसल गणतंत्र दिवस से कोई 15 दिन पहले सरकारी हलकों से खबरें आईं कि 26 जनवरी की दोपहर को सिद्धू की रिहाई होगी।

पटियाला सेंट्रल जेल में 34 साल पुराने रोडरेज मामले में मई 2022 से एक साल की सजा काट रहे सिद्धू को अच्छे आचरण और अभी तक एक दिन भी पैरोल न लेने के आधार पर 26 जनवरी को रिहा किए जाने की उम्मीद थी। इसी उम्मीद में सिद्धू समर्थकों ने पटियाला और लुधियाना को पोस्टरों और होर्डिंग से पाट दिया था। रिहाई की खबर से दो दिन पहले सिद्धू के सोशल मीडिया अकाउंट से ही उनके रिहा होने पर सबसे पहले गुरुद्वारा दुखनिवारण में मत्था टेकने के बाद घर के रास्ते में कुछ जगहों पर स्वागत के लिए रुकने का रूट मैप साझा किया गया था और तमाम समर्थकों को जुटने का न्यौता भी दिया गया था।

रिहाई न होने पर मान सरकार कांग्रेस के अलावा सिद्धू परिवार के निशाने पर भी है। सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा, “नवजोत सिद्धू क्या खूंखार जानवर की श्रेणी में आते हैं कि उन्हें आजादी के 75वें वर्ष में रिहाई की राहत नहीं दी जा रही है। गैंगस्टर, ड्रग पैडलर, खतरनाक अपराधी और बलात्कारी तक सरकारी नियमों से राहत या जमानत ले सकते हैं लेकिन एक सच्चा, ईमानदार व्यक्ति उस अपराध के लिए पीडि़त है, जो उसने नहीं किया है और वह न्याय और राहत से वंचित है।”

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो ने कहा, “सिद्धू को रिहा न कर आम आदमी पार्टी की सरकार ने धक्केशाही का परिचय दिया है। केजरीवाल के रिमोट से चलने वाले मान खुद फैसले लेने में असमर्थ हैं। भारत जोड़ो यात्रा में सिद्धू को शामिल होना था, इस कारण बौखलाई केंद्र और राज्य सरकार ने सिद्धू को रिहा नहीं किया।” अमृतसर से कांग्रेसी सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी सिद्धू की रिहाई का मामला उठाया है।

पटियाला स्थित स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के परिसर में 1988 में कार पार्किंग को लेकर सिद्धू के मुक्के से एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। उस मामले में पंजाब व हरियाणा हाइकोर्ट ने सिद्धू को एक साल कैद की सजा दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले सिद्धू को गैर-इरादतन हत्या से बरी कर दिया था और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन पीडि़त परिवार के रिव्यू पिटिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को सिद्धू को एक साल कैद की सजा बहाल रखी। 20 मई 2022 से सिद्धू पटियाला सेंट्रल जेल में हैं।

सिद्धू की रिहाई न होने पर पंजाब जेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, “नवजोत सिद्धू अप्रैल में जेल से बाहर आ पाएंगे। सिद्धू को एक साल की सजा हुई है, तो उनकी अधिकतम एक महीने की सजा माफ की जा सकती है। फिलहाल वे रिहाई के दायरे में नहीं आ रहे थे।” लेकिन क्या सिद्धू की जेल से रिहाई पंजाब में कांग्रेस को फिर पटरी पर लाने में मददगार साबित होगी? हालांकि सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के तख्तापलट और पार्टी को पटरी से उतारने के आरोप हैं। फिर, बड़ी चुनौती 2024 के लोकसभा चुनाव हैं क्योंकि सिद्धू की रिहाई के ठीक एक साल बाद उनकी चुनावी परीक्षा है।

गुरु के काम नहीं आया चेला

सियासत से हटकर सिद्धू और मान के निजी रिश्ते बहुत गहरे रहे हैं। मान सिद्धू को अपना गुरु मानते हैं। कॉमेडी कार्यक्रमों में जज की भूमिका में रहे सिद्धू ने देशभर से आए प्रतिभागियों में पंजाबी प्रतिभागी होने के नाते मान को हमेशा आगे बढ़ाया। तीन बार सांसद और पंजाब में कैबिनेट मंत्री रहे सिद्धू सियासत में भी वरिष्ठता के मामले में मान के गुरु रहे। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन छोड़ने वाले सिद्धू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कयासों के पीछे भी मान के ही प्रयास थे। सिद्धू को आप में शामिल कराने के लिए दिल्ली में केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस तक तय हो गई थी। तब मान संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद थे और चाहते थे कि सिद्धू आप में शामिल हों और उनकी अगुआई में 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पंजाब का पहला विधानसभा चुनाव लड़े। मगर चुनाव से पहले मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित न करने पर फंसे पेंच की वजह से सिद्धू ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया।

कॉमेडी मंच साझा करने वाले सिद्धू और मान की सियासी राह अलग हुई पर मेल-मिलाप जारी रहा। पंजाब के विकास का मॉडल लेकर सिद्धू मुख्यमंत्री मान से एक ही मुलाकात कर पाए। 16 मार्च 2022 को मान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और दो महीने बाद ही सिद्धू जेल चले गए। एक मुलाकात में ही सिद्धू ने मान से पंजाब के विकास का जो गुरुमंत्र दिया उस पर अमल करते हुए मान ने भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसा। राज्य में बेलगाम रेत-बजरी माफिया पर भी लगाम लगाया और इनके दाम सरकारी नियंत्रण में ले लिए। तीन फरवरी की कैबिनेट की बैठक में मान से रेत-बजरी का दाम साढ़े पांच रुपये प्रति क्यूबिक फुट तय किया। यह गुरु सिद्धू का ही मंत्र था लेकिन सियासी पिच पर फिसला चेला गुरु को जेल की अंधेरी कोठरी से बाहर नहीं निकाल सका। सिद्धू को शायद जीवनभर इसका मलाल रहेगा।

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TAGS: Aam Aadmi Party, Bhagwant Mann, Punjab Government, Congress leader Navjot Singh Sidhu
OUTLOOK 25 February, 2023
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