Advertisement
20 September 2021

चरणजीत चन्नी: पार्षद से मुख्यमंत्री तक का तीन दशकों का सफर, विवादों से भी रहा नाता

पीटीआइ

खरड़ (मोहाली) नगर परिषद में एक पार्षद रहे पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बनने के लिए, चरणजीत सिंह चन्नी ने तीन दशकों के कांग्रेस में अपने राजनीतिक जीवन में एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने 1992 में कांग्रेस की राजनीति में कदम रखा जब वे खरड़ पार्षद के रूप में चुने गए और बाद में नागरिक निकाय के प्रमुख बने। चन्नी ने 2007 के चुनावों में चमकौर साहिब से शिअद की दिग्गज बीबी सतवंत कौर संधू को हराकर राज्य विधानसभा में प्रवेश किया। उन्होंने 2012 और 2017 के चुनावों में फिर से जीत दर्ज की, जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया। 2015 में, सुनील जाखड़ की जगह चन्नी को विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया था।

चमकौर साहिब से तीन बार के विधायक चन्नी राज्य सरकार में शीर्ष स्थान पाने वाले पहले दलित चेहरा बन गए हैं। चन्नी से पहले ओबीसी नेता ज्ञानी जैल सिंह मुख्यमंत्री थे। चन्नी पंजाब के दोआबा क्षेत्र के पहले मुख्यमंत्री हैं। पूर्व सीएम ज्ञानी जेल सिंह, प्रकाश सिंह बादल, सुरजीत सिंह बरनाला, हरचरण बरार, बेअंत सिंह, राजिंदर कौर भट्टल और कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य के मालवा क्षेत्र से हैं। जबकि ज्ञानी जैल सिंह, आनंदपुर साहिब-रोपड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे, उन्होंने 1972 में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में भी शपथ ली थी, वे मूल रूप से फरीदकोट जिले के थे।

सीएम की चन्नी खरड़ में रहने वाले चार भाइयों के संयुक्त परिवार से हैं। खरड़ में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, चन्नी ने गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज, चंडीगढ़ में दाखिला लिया, जहाँ उन्हें छात्र संघ के महासचिव के रूप में चुना गया। चन्नी की पत्नी कमलजीत कौर पंजाब सरकार की डॉक्टर हैं।

Advertisement

फन्नी- चन्नी : अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में रहकर चानी कई बार अपने मजाकिया अंदाज से सुर्खियों में रहे. एक बार वे चर्चा में थे जब उन्होंने तकनीकी शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षकों को स्थानांतरित करने के लिए एक टॉस किया था। एक और दिलचस्प घटना में वह एक ज्योतिषी की सलाह पर एक हाथी पर चढ़ गए थे ताकि उन्हें कैबिनेट में एक और महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो मिल सके, लेकिन आज वह है राज्य में सीएम के तौर पर सबसे शीर्ष पद पा रहे हैं।

विवादों से भी रिश्ता: 2018 में, चरणजीत चन्नी ‘मी -ठू’ मामले में एक महिला आईएएस अधिकारी को कथित रूप से एक अश्लील एसएमएस भेजने के लिए सुर्खियों में थे। तब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाद में कहा कि मसला हल हो गया है। लेकिन मामला हाल ही में महिला आयोग के सामने फिर से आया, जिसमें राज्य सरकार से जवाब मांगा गया था।

 

सुखजिंदर सिंह रंधावा- तीन बार विधायक से डिप्टी सीएम

 

पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (62), कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में कारागार और सहकारिता मंत्री रहे हैं। माझा क्षेत्र के गुरदासपुर जिले से तीन बार के कांग्रेस विधायक हैं। वह 2002, 2007 और 2017 में विधायक बने। पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के करीबी रंधावा पहले प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और महासचिव रह चुके हैं। उनका परिवार भी कांग्रेस से जुड़ा रहा है। उनके पिता, संतोख सिंह, दो बार के राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और माझा क्षेत्र में एक बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति थे।

 

ओपी सोनी- मेयर से डिप्टी सीएम

 

चिकित्सा शिक्षा एंव अनुसंधान विभाग कैबिनेट मंत्री रहे अब पंजाब के डिप्टी सीएम हो गए हैं। अमृतसर सेंट्रल से पांच बार के विधायक हैं 64 वर्षीय सोनी 1997, 2002, 2007, 2012 और फिर 2017 में पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। वे मई, 1991 में अमृतसर के पहले मेयर बने रहे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी,सोनी पहली बार पंजाब विधान सभा के लिए 1997 में अमृतसर पश्चिम से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे। सोनी उन 42 कांग्रेस विधायकों में से एक थे, जिन्होंने एसवाईएल जल नहर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Charanjit Channi, Journey, three decades, councilor to chief minister, controversies
OUTLOOK 20 September, 2021
Advertisement