Advertisement
15 June 2022

'अग्निपथ' योजना को लेकर देशभर के नौजवानों में मायूसी, पुनर्विचार करे सरकार: भूपेंद्र हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सेना भर्ती के लिये बनाई गई नई अग्निपथ पॉलिसी को न तो देश हित में न ही नौजवानों के हित में। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर देश भर के नौजवानों में मायूसी है। इस योजना को तैयार करते समय इसके दूरगामी परिणामों पर पूरी तरह से विचार नहीं किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय में इस पॉलिसी का असर बेहद बुरा होगा जो देश की सुरक्षा के हित में भी नहीं है। ऐसा लगता है कि सरकार वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी का पैसा बचाने और सैन्य बल की क्षमता को घटाकर आधा करने की नीयत से देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के नाम पर पिछले 3 वर्षों से सेना में भर्ती बंद होने के चलते बड़ी संख्या में युवा ओवरएज हो चुके हैं। इस नयी पॉलिसी के लागू होने के बाद जो नौजवान पिछले कई वर्षों से सेना भर्ती की आस लगाये बैठे थे न सिर्फ उनको, बल्कि उन नौजवानों जिन्होंने सेना भर्ती के लिये लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट दे दिये थे और परिणाम का इंतजार कर रहे थे, की भी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने मांग करी कि सरकार पिछले 3 वर्षों में ओवरएज हो चुके युवाओं को आयु सीमा में छूट देने पर भी विचार करे।

अग्निपथ योजना की खामियों को गिनाते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अग्निवीर के तौर पर जिन्हें सेना में भर्ती किया जायेगा उनमें से 75 प्रतिशत जवानों को 4 साल बाद रिटायर कर दिया जायेगा। उनके भविष्य का क्या होगा, इसका कोई ख्याल नहीं रखा गया है। यह योजना सेना की परंपरा, प्रकृति, नैतिकता और मूल्यों पर खरी नहीं उतरती। योजना के तहत प्रशिक्षण की जो अवधि तय की गई है वह अपर्याप्त है। कामचलाऊ प्रशिक्षण से सेना की क्षमता और प्रभाव पर बुरा असर पड़ सकता है। महज 4 साल की सर्विस होने से सेना को टूरिस्ट संगठन की तरह समझा जाने लगेगा। नई व्यवस्था में रेजिमेंट व्यवस्था खत्म होने से जवानों का नाम, नमक और निशान से लगाव भी खत्म हो जाएगा। सेना से 4 साल बाद निकाले गये अग्निवीरों को सेवा निधि के तौर पर 11.71 लाख एकमुश्त रकम देने की बात सरकार कह रही है, जबकि सच्चाई ये है कि इस निधि में से आधा हिस्सा ही सरकार का है आधा तो सैनिकों की कमाई का पैसा होगा। उन्होंने सीधा सवाल किया कि 4 साल बाद फिर से बेरोजगार होने वाले अग्निवीर क्या 11.71 लाख रुपये में पूरी जिंदगी बिता पायेंगे? उन्हें 4 साल की नौकरी के बाद न पेंशन, न मिलिट्री अस्पताल न कैंटीन की सुविधा ही मिल पायेगी।

Advertisement

उन्होंने कहा कि साढ़े 21 साल और 25 साल की उम्र में फिर से जो 75 प्रतिशत सैनिक बेरोजगार होंगे उनके स्थायी रोजगार के लिये सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई है और उन्हें अधर में छोड़ दिया है। इसके अलावा, सेना की 4 साल की सर्विस पूरी करने वाले इन नौजवानों की फौज नौकरी के लिये दर-दर भटकने को मजबूर हो जायेगी। हथियारों का प्रयोग जानने वाले ऐसे बेरोजगार नौजवानों को आसानी से गुमराह किया जा सकता है जो समाज के लिये गंभीर खतरा साबित हो सकता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Disappointment, youth, 'Agneepath' scheme, government, reconsider, Bhupendra Singh Hooda
OUTLOOK 15 June, 2022
Advertisement