पंजाब के किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के साथ बैठक का किया बहिष्कार
कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे पंजाब के 29 किसान संगठनों के 7 प्रतिनिधी बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचे, लेकिन इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के मौजूद नहीं होने के कारण संगठन ने बैठक का बहिष्कार किया है। इस दौरान बैठक के लिए केवल केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ही मौजूद हैं। बुधवार को किसान संगठनों का प्रतिनिधी मंडल, जिसमें भाकियू(राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, जगजीत सिंह, जगमेल सिंह, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह व सतनाम सिंह साहनी शामिल हैं। किसान संगठनों ये प्रतिनिधी नेता तीनों कृषि विधेयक रद्द कर एक नया विधेयक लाए जाने की मांग करेंगे जो किसानों को उनकी फसलों का एमएसपी सुनिश्चत करे।
बीकेयू(राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, बैठक मेें कृषि मंत्री तोमर शामिल होंगे या नही, इस संबंध में केंद्र सरकार ने हमें कोइ जानकारी नहीं दी है। राजेवाल ने कहा कि 40 से अधिक रुट्स पर मालगाड़ियां निकलने की अपील पर अंतिम फैसला बुधवार को दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद 15 को पंजाब में किसानों की बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने कहा, किसान यूनियन (उगराहां-एकता) ने ट्रैक से धरने हटा लिए हैं। अब बड़े भाजपा नेताओं के घर के बाहर धरने देंगे। वहीं 5 नवम्बर को देशभर के किसान सुबह 5 से सांय 4 बजे तक पूरे देश में चक्का जाम रखेंगे। बुधवार को जालंधर में किसानों के साथ होने वाली भाजपा दिल्ली मुख्यालय की वर्चुअल बैठक का किसानों ने बाॅयकाट कर दिया है। मंगलवार को अमृतसर मंे किसानों के साथ वुर्चअल बैठक में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने किसानों काे आश्वस्त किया कि एमएसपी व मंडीकरण सिस्टम खत्म नहीं हाेगा। जमीन छीने जाने सबंधी जाे भम्र फैलाया जा रहा है, उनमें काेई सच्चाई नहीं है।
भाजपा ने पंजाब के किसानों को साधने के लिए 20 केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी हैं जो अक्टूबर का पुरा महीना किसानों से अलग अलग जिलों में वर्चुअल वार्ता के जरिए जुड़ेंगे। अभी तक दो केंद्रीय मंत्रियों से हुई वचुअर्ल वार्ता से किसान संगठन संतुष्ठ नहीं हैं। केंद्र की भाजपा सरकार के प्रति किसानों की नराजगी और गुस्सा दो दिन पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा को हमले के रुप में झेलना पड़ा।