एक डांस ने बिगाड़ दिया शराब का बिजनेस, हिमाचल के लोगों ने बना दी इज्जत की बात
अश्विनी शर्मा
पंजाब की देशी शराब बनाने वाली कंपनियां जिस तरह से शराब की बोतलों पर भांगड़ा की तस्वीरों का इस्तेमाल करती हैं। उसी तरह से अब हिमाचल प्रदेश में स्थानीय कंपनियों ने देशी शराब को "नाटी" नाम दिया है और शराब की बोतलों पर नाटी तर्ज वाली तस्वीरों का उपयोग किया है। हालांकि, बाजार के इस विचार से विवाद छिड़ गया है।
नाटी हिमाचल प्रदेश का एक पारंपरिक नृत्य रूप है। इसे आनंद और उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इसलिए, शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नाटी का उपयोग करने का विचार, लोगों को हजम नहीं हुआ और इससे नाराज लोगों ने सोशल मीडिया पर आलोचना करनी शुरू कर दी है। हालांकि, बढ़ते विवाद को देखते हुए प्रदेश के आबकारी और कराधान विभाग को देशी शराब की बोतलों से नाटी वाली तस्वीरों को हटाने पर मजबूर कर दिया।
दरअसल, शराब की बिक्री को बढ़ाने के लिए बोतलों पर नाटी की तस्वीर को छापने का विचार ऐसे समय में आया है जब कोरोना महामारी की वजह से राज्य के राजस्व को नुकसान हुआ है। इसकी भारपाई के लिए प्रदेश सरकार शराब से आय के जरिए राजस्व को भरने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार प्रदेश में सभी धर्मों और जातियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शराब के किसी ब्रांड को मंजूरी देती है। इस ब्रांड को सभी कानूनी मान्यताओं के पूरा होने के बाद मंजूरी दी गई थी।
लोगों में बढ़ते असंतोष और विवादों को देखते हुए मंगलवार को विभाग ने शराब की बोतलों से नाटी की तस्वीरें हटाने का आदेश दिया है। विभाग प्रवक्ता ने कहा, "ये मामला सामने आया है कि शराब के ब्रांड के लेबल पर नाटी की तस्वीरों के इस्तेमाल से समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को ठेस पहुंची है"। कई लोगों ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाए हैं और नाटी की पवित्रता को अपमानित करने का आरोप लगाया गया है।
विपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री कहते हैं, '' एक सरकार के लिए यs बहुत ही हास्यास्पद और आपत्तिजनक कदम है। एक तरफ शराबबंदी की बात की जाती है। दूसरी तरफ हिमाचल के लोगों की भावनाओं को कमजोर करने के लिए बहुत कुछ किया जाता है।" अग्निहोत्री मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नाटी प्रेम पर भी सवाल उठाते हैं। वो तंज मारते हुए आगे कहते हैं, "हिमाचल प्रदेश में कुछ लोगों ने नाटी राजा के रूप में ख्याति अर्जित की है। लेकिन देखिए कि कैसे राज्य की पारंपरिक और संस्कृति को शराब की बोतल के लिए समझौता किया गया है।"