जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने छत्तीसिंहपुरा नरसंहार की गहन जांच का आश्वासन दिया
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने साल 2000 में छत्तीसिंहपुरा नरसंहार में मारे गए लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक प्रतिनिधिमंडल से शनिवार को मुलाकात की और आतंकवादी हमले की गहन जांच का वादा किया।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उपराज्यपाल ने यह आश्वासन राजभवन में '35 शहीद सिंह वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन', छत्तीसिंहपुरा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान दिया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष एस जगजीत सिंह कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने 20 मार्च, 2000 को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा छत्तीसिंहपुरा अनंतनाग में 35 सिखों के नरसंहार की नए सिरे से जांच की मांग की।
प्रवक्ता ने कहा, "उन्होंने शहीद नागरिकों के परिजनों से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी मुद्दों को भी उठाया, जिनमें एसआरओ-43 के तहत अनुकंपा नियुक्ति, गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के समान लाभ का विस्तार; सरकारी विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश में आरक्षण और छत्तीसिंहपुरा अनंतनाग में स्मारक के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता शामिल है।"
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रवक्ता ने कहा, "उन्होंने आश्वासन दिया कि गहन जांच की जाएगी और न्याय मिलेगा।"
प्रवक्ता ने बताया कि सिन्हा ने आश्वासन दिया कि पात्र परिवार के सदस्यों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिलेगी तथा स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता भी मिलेगी।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 20 मार्च, 2000 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपुरा गांव में 35 सिखों की हत्या कर दी थी। यह घटना तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भारत दौरे से एक दिन पहले हुई थी।