पंजाब से दिवाली-छठ पर लोग नहीं जा पाएंगे अपने घर, रेलवे ने रद्द की एडवांस बुकिंग
"रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का रेल सेवाएं बहाल करने से इंकार, बोले अभी भी 23 स्टेशनों पर किसानों के धरने जारी"
पंजाब से दिवाली और आस्था का महापर्व छठ के मौके पर अपने घरों को लौटने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार सरीखे अन्य राज्यों के लोगों को इस बार परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ विनोद कुमार यादव ने शनिवार को साफ कर दिया है कि पंजाब में रेल सेवाएं बहाल नहीं की जाएंगी। खास तौर से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ को महापर्व के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर बड़ी तादात में लोग अपने घर को लौटते हैं। लेकिन, रेलवे के इस फैसले से इन लोगों को बड़ा झटका लगा है। 120 दिन पहले से की गई एडवांस बुकिंग को रेलवे ने रद्द कर दिया है। नए कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान संगठन सड़क पर हैं। पंजाब हरियाणा के किसान बीते कई महीनों से रेलवे स्टेशनों और पटरियों पर डेरा जमाए बैठे हैं। हो रहे विरोध की वजह से रेल यातायात पूरी तरह बाधित है। जीविका की तलाश में इन राज्यों के मजदूर पंजाब में बड़ी संख्या में काम करने के लिए जाते हैं।
बाधित रेल व्यवस्था की वजह से कोयला संकट और औद्याेगिक इकाइयों का संकट सुधरने के आसार नहीं हें। कईयों की दिवाली इस बार काली हो सकती है। सामान और माल की ढुलाई रूकी हुई हैं। रेलवे बोर्ड का तर्क है कि जब तक रेल पटरी और स्टेशनों से 100 फीसदी धरने नहीं हटते तब तक ट्रेनों को चलाना सुरक्षित नहीं है। बोर्ड के चेयरमैन यादव ने बताया कि 22 व 23 सिंतबर को दो दिन के लिए रेल सेवाएं बहाल किए जाने के वक्त भी कई स्टेशनों पर किसान मालगाड़ियों के आगे धरने के लिए आ गए थे,बड़ी मुश्किल से दुर्घटनाएं रोकी गई पर इस बार रेलवे किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता। पंजाब में ठप रेल यातायात के चलते अर्थव्यवस्था संकट में आ गई है। कोयले की आपूर्ति रुकने से थर्मल प्लांट बंद हैं वहीं औद्योगिक इकाइयों के लिए कच्चे और तैयार माल की आवाजाही का संकट बना हुआ है।
केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के रेलवे ट्रैक्स व स्टेशनों पर धरनों की वजह से 24 सिंतबर से ट्रेने बंद हैं। हालांकि रेल मंत्रालय द्वारा जल्द ही पंजाब में रेल सेवाएं बहाल किए जाने के संकेत दिए गए थे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एंव सीईओ विनोद कुमार यादव का कहना है कि पंजाब में रेल सेवाएं तब तक बहाल नहीं की जाएंगी जब तक तमाम रेलवे स्टेशन व ट्रैक खाली नहीं हो जाते। यादव ने कहा कि आज के दिन भी पंजाब के 23 स्टेशनों पर किसानों के धरने जारी है। धरने पर बैठे किसान मालगाड़ियों की आवाजाही बाधित न करने के आश्वासन से साथ ही यात्री गाडि़यों को रोके जाने की धमकी दे रहे हैं। इधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का दावा है कि सरकार ने तमाम रेलवे स्टेशन व ट्रैक खाली करा लिए हैं और किसी पर भी किसानों को धरना नहीं हैं।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन यादव का कहना है कि जब तक तमाम रेलवे ट्रैक व स्टेशन किसानों के धरने से मुक्त नहीं किए जाते तब तक रेलवे सेवाएं बहाल होना मुश्किल हे। इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 24 सितंबर को सीएम कैप्टम अमरिंदर सिंह को लिखे पत्र के जवाब में पंजाब सरकार द्वारा कुछ रुटों पर मालगाड़ियां चलाने का सुझाव दिया गया। इस पर यादव ने कहा कि रेलवे के लिए यह कतई संभव नहीं है कि वह राज्य सरकार की सलाह पर कुछ रुट पर मालगाड़ियां चलाए और कुछ पर न चलाई जाएं। यादव ने साफ कहा कि जब तक पूरे पंजाब में रेलवे स्टेशन व ट्रैक खाली नहीं मिलेंगे रेलवे सेवाएं बहाल नहीं होंगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार सांय से लेकर शनिवार दोपहर तक 31 स्टेशनों मेंे से केवल 8 पर से धरने हट पाएं हैं।