पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों में आज संगरुर में एक किसान की मौत, प्रदर्शनकारियों में अब तक चौथी मौत
केंद्र के कृषि विधेयकों के विरोध में संगरुर में धरने पर बैठे एक किसान गुरुवार को मौत हो गई है। पिछले 20 दिन में प्रदर्शनकारी किसानों में यह चौथी मौत है। करीब 20 दिन पहले मुक्तसर के गांव बादल में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर धरने पर बैठे किसान ने जहर निगल कर आत्महत्या कर ली थी। पांच दिन पहले मालवा के दो किसानों की दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत में एक महिला किसान भी शामिल थी। गुरुवार को संगरुर में दिल का दौरा पड़ने से 67 वर्षीय किसान लाभ सिंह की मौत हुई है।
पिछले दो हफ्ते से संगरुर के रेलवे स्टेशन पर किसानों के इस पक्के धरने में शामिल होना वाला लाभ सिंह भारतीय किसान यूनियन(राजेवाल)का सक्रिय सदस्य था और भारतीय खाद्य निगम के भंडारण गृह में चौकीदारी करता था। मृतक लाभ सिंह के परिवार के पास सिर्फ 3 एकड़ जमीन है और उस पर 3 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज भी था। इसी के चलते वह तनाव में रहता था। लाभ सिंह की मौत पंजाब में केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन में चौथी मौत है।
इधर बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से बैठक का बहिष्कार करने वाले पंजाब के किसान संगठन आंदोलन को और तेज करने के मूड में हैं। पहले 15 अक्टूबर को रेलवे ट्रैक्स और टोल प्लाजा पर पक्के धरने खत्म करने का एलान करने वाले किसानों ने अब ये धरने 17 अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। भारतीय किसान यूनियन(राजेवाल)के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल और किरती किसान यूनियन के सतनाम सिंह साहनी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली बुलाकर किसानों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान केंद्रीय मंत्रियांे के यहां के किसानों के साथ वर्चुअल संवाद का भी बहिष्कार करेंगे। राजेवाल ने कहा कि जिस सरकार के मंत्री दिल्ली बुलाकर किसानों से बात नहीं करना चाहते उसके मंत्रियों से पंजाब के किसान क्यों संवाद स्थापित करें। किसान नेता सतनाम सिंह साहनी ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार किसानों को तीनों कृषि विधेयक निरस्त करने का भरोसा नहीं दिलाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसानों द्वारा केंद्र की बैठक का बहिष्कार किए जाने के मसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों को वार्ता के लिए दिल्ली बुलाने वाली केंद्र सरकार ने किसानों का अपमान किया है। कांंग्रेस सरकार 19 अक्टूबर को बुलाए गए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में केंद्र के इन काले कृषि कानूनों को रद्द करेगी। शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी किसानों के अपमान की मसला उठाते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पहले अपने गठबंधन पार्टी का शिरोमणी अकाली दल अपमान किया है वह किसानों के भी साथ नहीं है।
किसान वार्ता विफल होने से कई रेलें रद्द: इधर सात महीने बाद चली नई दिल्ली-चंडीगढ़-कालका शताब्दी एक्सप्रेस गुरुवार को दोबारा शुरू होने के पहले दिन ही ट्रैक पर किसान आंदोलन के चलते रद्द कर दी गई है। उत्तर रेलवे ने यह फैसला बुधवार को किसानों और सरकार के बीच वार्ता विफल होने के बाद किसानों के रेल ट्रैक पर आंदोलन जारी रहने के चलते लिया गया है। अंबाला रेलवे डिवीजन के अधिकारियों के मुताबिक जब तक हालात सामान्य नहीं होते हैं, तब पंजाब से आने -जाने वाली ट्रेनों का संचालन अंबाला रेलवे स्टेशन से आगे नहीं होगा।