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25 November 2022

जेल सुधार: कैद में जीवन साथी का साथ

 

“जेल में कैदियों को जीवन साथी से मिलने की अलग व्यवस्था करने वाला पहला राज्य बना पंजाब”

सुधारों की यह पहल कुछ अलहदा है। पंजाब की जेलों में बंद कैदी वंश वृद्धि कर सकेंगे। उन्हें जेल परिसर में अपने जीवन साथी से संबंध स्थापित करने की अनुमति होगी। ऐसी अनूठी पहल करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य है। कई कैदियों की पत्नियों के पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर हाइकोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी। अदालत ने वंशवृद्धि को कैदियों का मौलिक मानवाधिकार बताया और उसे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रतिष्ठा के साथ जीने का हिस्सा माना। कोर्ट के निर्देश पर पंजाब सरकार ने कैदियों के लिए जेल परिसर में पति या पत्नी से मिलने की विशेष व्यवस्था की है। अमेरिका, फिलीपींस, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों की जेलों में बंद कैदियों को जेल परिसर में ही अलग कमरे में अपने जीवन साथी के साथ मिलने की व्यवस्था होती है।

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मार्च 2022 में गुरुग्राम की एक महिला ने पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट में जेल में बंद पति से शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत के लिए अर्जी दी थी। महिला की दलील थी कि वह अपना वंश आगे बढ़ाना चाहती है। याचिका में कहा गया था कि हत्या और अन्य अपराध के आरोप में गुरुग्राम की एक कोर्ट ने 2018 में उसके पति को कैद की सजा सुनाई। तब से वह भोंडसी सेंट्रल जेल में बंद है। जनवरी 2022 में भी एक महिला ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर जेल परिसर में पति से मिलने की इजाजत मांगी थी।

एक अन्य याचिका में कैदी जसवीर सिंह ने संतानोत्पत्ति के लिए पत्नी के गर्भवती होने तक उसके साथ जेल में साथ रहने की इजाजत मांगी थी। हाइकोर्ट ने उसकी अपील तो खारिज कर दी, मगर हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ शासन को जेल सुधार नियम कमेटी का गठन कर इस बारे में नीति बनाने के निर्देश दिए।

हाइकोर्ट के निर्देश पर पंजाब सरकार ने कुछ जेलों में अलग कमरे बनाए ताकि कैदी अपने जीवन साथी के साथ रह सकें। इसकी शुरुआत गोइंदवाल साहिब, नाभा, लुधियाना और बठिंडा महिला जेल से हुई और पहले चरण में राज्य की 17 जेलों में ऐसी व्यवस्था करने की तैयारी है। 15 सितंबर को लुधियाना सेंट्रल जेल से पारिवारिक मिलन योजना का अनावरण करने वाले पंजाब के जेल मंत्री हरजोज सिंह बैंस ने आउटलुक को बताया, “कैदी जेल के अंदर बने विशेष कमरों में अपने जीवन साथी से मिल सकते हैं। यह सुविधा शुरू हुई तो पहले ही हफ्ते में 300 से ज्यादा आवेदन जेल विभाग के पास आए। जेल परिसर में ऐसी सुविधा प्रदान करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य है।”

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (जेल) हरप्रीत सिंह सिद्धू के मुताबिक, “इस शुरुआत के बाद कैदियों में वंश वृद्धि को लेकर एक अलग तरह की खुशी है। आने वाले समय में हम यह सुविधा राज्य की कई जेलों में शुरू करेंगे। पहले चरण में राज्य की 26 में से 17 जेलों में यह व्यवस्था की गई है। अच्छे आचरण वाले कैदियों को जीवन साथी से मिलने का मौका दिया जा रहा है।”

हाइकोर्ट के निर्देश के बाद कई दौर के विचार-विमर्श के बाद पंजाब सरकार ने यह पहल की है। इसके तहत कोई पुरुष या महिला कैदी, संतान पैदा करने के लिए कुछ समय अपनी पत्नी या पति के साथ गुजार सकेंगे। सख्त अपराधियों, गैंगस्टरों, आतंकवादियों, देशद्रोहियों और एचआइवी जैसी गंभीर संक्रामक बीमारियों से पीडि़त कैदियों को अभी इस पहल के दायरे से बाहर रखा गया है।

सिद्धू के मुताबिक जेल विभाग की इस विशेष व्यवस्था का लाभ लेने के लिए कैदी को संबंधित जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर अनुमति लेनी होगी। अनुमति-पत्र के साथ शादी का प्रमाण-पत्र और मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जमा कराने होंगे। सरकार का मानना है कि जेलों में बंद कैदियों को इस अनुमति उनमें सकारात्मक परिवर्तन होगा और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।

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TAGS: Punjab, first state, separate arrangements, meeting, life partner, prisoners in jail, Outlook Hindi
OUTLOOK 25 November, 2022
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