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05 February 2022

पंजाब चुनाव: चन्नी सीएम घोषित होते हैं तो सिद्धू को साधने के लिए यह फामूर्ला आजमा सकते हैं राहुल गांधी

6 फरवरी को लुधियाना में होने वाली वर्चुअल रैली में राहुल गांधी द्वारा मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा गले की फांस बनी हुई है। रैली में राहुल सीएम चेहरे के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी की घोषणा करते हैं तो नवजोत सिंह सिद्धू को साधना कांग्रेस के लिए मुश्किल हो सकता है। कांग्रेसी खेमाें में कयास लगाए जा रहे हैं कि चन्न्नी को सीएम चेहरा घोषित करने से चुनाव से पहले कांग्रेस में सिद्धू गुट की बगावत से नुकसान हो सकता है। ऐसे में चन्नी और सिद्धू को साधने के लिए कांग्रेस हाईकमान दोनों में सीएम कार्यकाल का बंटवारा कर सकती है। कांग्रेस के सूत्रों मुताबिक सरकार बनने पर पार्टी विधायकों की राय के आधार पर तय करेगी कि पहले ढाई साल सीएम की कुर्सी चन्नी के हवाले होगी या सिद्धू के।

  कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव में राज्य के 32 फीसदी दलित मतदाताओं को अपने पाले मेंं लेने के लिए कांग्रेस पहले चन्नी के चहरे पर दाव लगाना चाहेगी और ढाई साल की अगली पारी सिद्धू के नाम हो सकती है। चुनाव से पहले बतौर सीएम चन्नी का नाम उछाल चुके केबिनेट मंत्री ब्रहम मोहिंद्रा का कहना है कि 111 दिन में कांग्रेस के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हुए चन्नी ने अपने 111 दिन के कार्यकाल में कांग्रेस के इससे पहले के साढ़ेचार साल सीएम रहे अमरिंदर सिंह के चलते इंकंबेंसी फैक्टर को खत्म किया है इसलिए चन्नी को ही जारी रखना पार्टी की जीत अासान करेगा दूसरा दलितांे का पूरा समर्थन कांग्रेस के पक्ष में रहेगा।

 कांग्रेस नवजोत सिद्धू को भी पार्टी में बनाए रखना चाहती है क्योंकि सिद्धू के कंधे पर बंदूक रखकर कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को किनारे किया क्योंकि कैप्टन हाईकमान की पहुंच से बाहर हो गए थे। दूसरा कैप्टन के बदले मजबूत जट्ट सिख चेहरे के रुप में सिद्धू को आगे करने से कांग्रेस की नजर राज्य के 20 फीसदी जट्ट सिख मतदाताओं पर है। दूसरा कांग्रेस को यह डर भी है कि यदि सिद्धू को सीएम चेहरे के तौर पर आगे नहीं किया गया तो वह अध्यक्ष पद से इस्तीफे या अमृतसर पूर्वी से चुनाव लड़ने से पीछे हटे तो चुनाव से पहले ही कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है।  इससे पहले भी सिद्धू इस्तीफे के जरिए पार्टी हाईकमान पर दबाव बना चुके हैं। कांग्रेस के लिए पंजाब में दलित और जट्ट सिख मतदाताओं का समर्थन जरूरी है।

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इधर 42 विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले हिंदू जाट चेहरे सुनील जाखड़ न केवल अपनी सीट अबोहर से चुनाव लड़ने से पीछे हटे हैं बल्कि चुनाव प्रचार से भी दूरी बनाए हुए हैं। कांग्रेस खेमे में सिद्धू के विरोधियों ने मुद्दा बना दिया कि सिद्धू ने ही जाखड़ के सीएम बनने में अडंगा लगया है । पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई के बाद भी कांग्रेस में खींचतान कम नहीं हुई है। ऐसे में किसी एक चेहरे को आगे करना कांग्रेस के लिए पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। अब ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले के बाद नवजोत सिद्धू और चरणजीत चन्नी अपने समर्थक उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरा जोर लगाएंगे, ताकि वह पहले सीएम की कुर्सी तक पहुंच सकें। इससे कांग्रेस पूरा जोर लगाएगी कि सत्ता में वापसी की जा सके। पहले किसे सीएम बनाना है, इसकी चाबी कांग्रेस हाईकमान के पास रहेगी।

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TAGS: Punjab Elections, Punjab Assembly Elections, Punjab Congress, Congress, Announcement of CM Face, CM Charanjit singh channi, Navjot Singh Sidhu, Rahul gandhi
OUTLOOK 05 February, 2022
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