Advertisement
31 December 2024

किसानों के नौ घंटे के बंद से पंजाब ने जनजीवन प्रभावित, रेल व बस सेवाओं पर भी पड़ा असर

पंजाब में किसानों द्वारा आहूत ‘बंद’ के कारण सोमवार को प्रदेश भर में जनजीवन प्रभावित हुआ। किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर यहां केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित किया गया बंद शांतिपूर्ण रहा। बंद के दौरान पंजाब में रेल परिचालन अधिकांशतः स्थगित रहा, बसें और अन्य वाहन सड़कों से नदारद रहे, जिससे यात्री फंस गए। दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

एक सप्ताह से अधिक समय पहले बंद का आह्वान करने वाले किसान नेताओं ने इसे “सफल” करार दिया और “पूर्ण समर्थन देने के लिए तीन करोड़ पंजाबियों” को धन्यवाद दिया।

Advertisement

कड़ाके की सर्दी और कुछ स्थानों पर घने कोहरे के बीच किसानों ने पटियाला, जालंधर, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा और पठानकोट सहित कई सड़कों और राजमार्गों पर धरना दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ।

धारेरी जट्टन टोल प्लाजा पर किसानों के धरने से पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। अमृतसर के ‘गोल्डन गेट’ पर किसानों ने धरना दिया। पुलिस ने वहां फंसे कुछ विदेशी पर्यटकों की मदद के लिए ‘ऑटो रिक्शा’ की व्यवस्था की और उन्हें स्वर्ण मंदिर तक पहुंचाया

कुछ स्थानों पर यात्रियों को सड़क जाम कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों से बहस करते देखा गया।

केंद्र द्वारा एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की किसानों की मांग नहीं माने जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पिछले सप्ताह राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था।

यह बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए भी रखा गया, जो पिछले 35 दिन से खनौरी सीमा स्थित किसानों के विरोध स्थल पर अनशन कर रहे हैं।

बंद के बाद डल्लेवाल ने पंजाब के लोगों को बंद का समर्थन करने और इसे “सफल” बनाने के लिए धन्यवाद दिया। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि केंद्र को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि आपातकालीन और अन्य आवश्यक सेवाओं के संचालन को जारी रखने की अनुमति दी गयी थी। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा जा रहे लोगों, नौकरी के लिए साक्षात्कार देने या फिर शादी समारोह में शामिल होने जा रहे लोगों को बंद के आह्वान के बीच छूट दी गयी है।

 

पंधेर ने बंद की अवधि खत्म होने के बाद कहा, “पंजाबियत की जीत हुई है। दोनों मंचों (शंभू और खनौरी में विरोध प्रदर्शनों की अगुआई कर रहे) की ओर से मैं तीन करोड़ पंजाबियों को बंद को अपना पूरा समर्थन देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि सब्जी मंडियां, अनाज बाजार और पेट्रोल पंप भी बंद रहे। उन्होंने कहा, “सभी प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद सफल रहा और पंजाबियों ने डल्लेवाल साहब को भरपूर समर्थन दिया।”

इससे पहले पंधेर ने कहा था, “ट्रेन सेवाएं भी पूरी तरह से स्थगित हैं और कोई भी ट्रेन पंजाब में प्रवेश नहीं कर रही है।”

पंधेर ने हड़ताल को ट्रांसपोर्टर, कर्मचारी यूनियन, व्यापारी संगठनों और धार्मिक संगठनों से समर्थन मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा कि बंद का असर राज्य भर में 250 से ज्यादा जगहों पर देखा गया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने दावा किया था कि आम लोग बंद का समर्थन नहीं करेंगे, “लेकिन तीन करोड़ पंजाबियों ने जवाब दे दिया है”।

किसान कई स्थानों पर पटरियों पर बैठ गए, जिसके कारण रेलवे को राज्य से गुजरने वाली कई रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा। फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना और बठिंडा में यात्री स्टेशन पर फंसे रहे।

गुजरात निवासी एक कैंसर रोगी, फिरोजपुर के रेलवे स्टेशन पर फंसे रहे। उनकी पत्नी ने बताया कि उन्हें कुछ दवाइयां लेने हिमाचल प्रदेश जाना था, लेकिन ट्रेन सेवाएं प्रभावित हैं और वे अधर में हैं।

फगवाड़ा में किसानों ने एनएच-44 पर शुगरमिल क्रॉसिंग के पास धरना दिया और यहां से नकोदर, होशियारपुर तथा नवांशहर की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। फगवाड़ा-बंगा रोड पर बेहराम टोल प्लाजा पर भी धरना दिया गया और कई स्थानों पर अनाज की मंडियां बंद रहीं।

कई स्थानों पर सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन बंद रहा, जबकि अधिकतर निजी बस संचालकों ने भी अपनी सेवाएं निलंबित कर दीं। बंद के कारण लंबी दूरी की कई निजी बसें और फल एवं सब्जियां ले जाने वाले ट्रक फंस गए।

लुधियाना जिले में चौड़ा बाजार, साबन बाजार, विश्वकर्मा चौक, गिल रोड और सराभा नगर जैसे बाजारों में कुछ ही दुकानें खुलीं। शहर का मुख्य बस स्टैंड पूरी तरह खाली रहा। बठिंडा में दवा की कुछ दुकानों को छोड़कर बाकी सभी दुकानें बंद रहीं। बठिंडा जिले से अमृतसर, श्रीगंगानगर और मुक्तसर जाने वाली सड़कें भाकियू सिद्धूपुर कार्यकर्ताओं द्वारा अवरुद्ध कर दी गईं।

किसानों को संबोधित करते हुए उनके नेता राम सिंह देओन ने कहा, “यह हमारी फसलों और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़ाई है।”

कपूरथला और जालंधर में भी सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य में कई जगहों पर सड़कों पर ठेले और रिक्शा नजर नहीं आए। बैंक खुले तो थे, लेकिन खाली थे, जबकि सरकारी कार्यालय और संस्थान काफी हद तक सुनसान थे। प्रदर्शनकारियों के लिए चाय और ‘दाल-प्रसाद’ की व्यवस्था की गई। अंबाला सहित राज्य के कुछ पड़ोसी इलाकों में भी बंद का असर रहा।

अंबाला से चंडीगढ़, मोहाली, पटियाला और पंजाब के अन्य निकटवर्ती शहरों में जाने वाले सैकड़ों दैनिक यात्री फंस गए। चंडीगढ़ में कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कई बाहरी छात्रों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

सुरक्षाबलों द्वारा दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने के बाद से एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

एमएसपी के अलावा, किसान कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की भी मांग कर रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Punjab farmers, nine-hour strike, disrupts normal life, rail and bus services, affected
OUTLOOK 31 December, 2024
Advertisement