Advertisement
16 June 2022

पंजाब: जवानी में उठते जनाजे

“रैप गायक, कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या से सीमावर्ती राज्य की खौफनाक सच्चाई के साये में पंजाबियत हो रही स्याह”

छब्बर दे चेहरे उत्ते नूर दिसदा, नि एहदा उठा जवानी चॅ जनाजा मिथिये

(जवान लड़के के चेहरे पर दिखती चमक से लगता है कि जवानी में ही इसका जनाजा उठ जाएगा)

Advertisement

कत्ल से दो हफ्ते पहले 28 वर्षीय पंजाबी रैप गायक और युवा कांग्रेस नेता शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला ने यही ‘द लास्ट राइड’ गाना अपने साथी रैप गायक तुपैक शकूर की श्रद्धांजलि में गाया था। वे 29 मई को पंजाब के मानसा जिले में गांव जवाहरके में दिनदिहाड़े दर्जनों गोलियों का शिकार हुए तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मूसेवाला का रचा वही गीत उनकी अंतिम विदाई के दिन उनके घर, चौपाल, गांव से लेकर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर बजेगा। 1996 में 25 साल के तुपैक की भी ऐसे ही कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गीतों में ‘गन कल्चर’ को बढ़ावा देने के विवादों से घिरे मूसेवाला के आखिरी गीत में जवानी में जनाजा उठने के अंदेशे को उनके लाखों प्रशंसक इसे हत्या से जोड़कर अजीब संयोग मान रहे हैं। हत्या से हफ्ते भर पहले मूसेवाला के पिता बलकार सिंह सिद्धू को एक अनजान व्यक्ति की धमकी के बाद सिद्धू मूसेवाला ने एक वीडियो में कहा था कि उसके घरवालों का नंबर कई अपराधियों की पंहुच में आने से उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। धमकियों के बीच सुरक्षा में चूक जानलेवा साबित हुई। अलबत्ता, कुछ लोगों को अंदेशा है कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि पंजाब की भगवंत मान सरकार के सुरक्षा घटाने के अगले ही दिन मूसेवाला गैंगस्टर्स की गोलियों की भेंट चढ़ गए।

अस्सी दिन की भगवंत मान सरकार की पंजाब के नेताओं और सेलेब्रिटी की सुरक्षा तीन बार घटाए जाने की सूचना राज्य पुलिस मुख्यालय से लीक हो गई। सरकार बनने के 15 दिन के भीतर पहले 184, फिर 18 और तीसरी बार में 424 वीआइपी की घटाई गई सुरक्षा में सिद्धू मूसेवाला भी शामिल थे। वीआइपी की सुरक्षा में कोताही के आरोपों से घिरी आम आदमी पार्टी की सरकार पर विपक्ष ही नहीं, बल्कि कानूनविद और पुलिस के पूर्व आला अधिकारी भी सवाल दाग रहे हैं। पंजाब के एक पूर्व डीजीपी ने आउटलुक से कहा, “वीआइपी नेताओं और सेलेब्रिटीज की सुरक्षा हटाना या घटाना कोई लोकलुभावन घोषणा नहीं थी। इसे सार्वजनिक करके सरकार ने न जाने कितने लोगों की जान खतरे में डाल दी। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत भी राज्य या केंद्र सरकार सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कोई सूचना सार्वजनिक करने को बाध्य नहीं है।” 

बलकार से मिलने मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहुंचे

मूसेवाला के बलकार से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री भगवंत मान 

पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने भी सिद्धू मूसेवाला समेत अकाल तख्त साहिब के प्रमुख जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, पूर्व मुख्यमंत्रियों और कैबिनेट मंत्रियों जैसे 424 वीआइपी की सुरक्षा घटाए जाने के फैसले को सावजर्निक करने पर सरकार की कड़ी खिंचाई की है। इन वीआइपी की सुरक्षा बहाली के हाइकोर्ट के आदेश से सरकार की किरकिरी हुई।

पंजाब में वीआइपी की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर चले बवाल में केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को जेड सिक्योरिटी में सीआरपीएफ के छह जवान लगाए हैं। भगवंत मान सरकार द्वारा ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा आधी किए जाने पर सिख जगत और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा सरकार के प्रति भारी नाराजगी के बीच ज्ञानी जी ने पंजाब पुलिस की अपनी पूरी सुरक्षा लौटाए जाने की घोषणा की। इसके बाद एसजीपीसी ने अपनी टॉस्क फोर्स में से 10 सुरक्षाकर्मियों को जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा में लगाया।

मूसेवाला की हत्या के बाद राज्य के कई शहरों में सरकार के खिलाफ भारी रोष प्रदर्शन हुए। मुख्यमंत्री भगवंत मान 3 मई को शोक प्रकट करने मूसेवाला के घर जाने से एक दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिल कर आए। लेकिन भारी पुलिस सुरक्षा प्रबंधों के बीच मान की मूसेवाला को श्रद्धांजलि से असहज हुए लोगों के गुस्से का शिकार आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक गुरप्रीत सिंह बनावली को होना पड़ा। उन्हें बगैर श्रद्धांजलि दिए ही मूसेवाला गांव से लोगों ने बैरंग वापस लौटा दिया। असल में लोग मूसेवाला की हत्या के पीछे सरकार की घोर लापरवाही से नाराज हैं।

सिद्धू मूसेवाला की अंतिम यात्रा में उनके पिता बलकार सिंह और अन्य परिजन

लिहाजा, लोगों की भारी नाराजगी आप को 23 जून को होने वाले संगरूर लोकसभा उपचुनाव में भारी पड़ सकती है। मान के मुख्यमंत्री बनने पर खाली हुई यह सीट जीतना आप की नाक का सवाल है। सरकार डैमेज कंट्रोल करने के लिए मूसेवाला की हत्या के आरोपियों को पकड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। हालांकि मूसेवाला के परिवार को जांच के लिए गठित पंजाब पुलिस की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम पर भरोसा नहीं है। मुख्यमंत्री मान ने जांच पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के पूर्व जज से कराने की सलाह दी थी, मगर मूसेवाला के पिता बलकार सिंह सिद्धू की ओर से पंजाब सरकार की हाइकोर्ट में दायर अर्जी में सिटिंग जज से जांच की मांग की गई जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। अब सिद्धू ने चंडीगढ़ में गृह मंत्री अमित शाह से भेंटकर सीबीआइ जांच की मांग की है। 

प्रारंभिक जांच में पुलिस को लारेंस बिश्नोई गैंग के दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। मामले को गैंगवार से जोड़ने वाले डीजीपी वीके भावरा को सरकार के दबाव में मीडिया के समक्ष बयान बदलना पड़ा। हत्या के दिन 29 मई की रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इसे कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की करतूत बताया था लेकिन अगले ही दिन वे पलट गए और शक की सुई लारेंस बिश्नोई गैंग पर आ टिकी। 

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष तथा पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने आउटलुक से कहा,  “आम आदमी पार्टी का पंजाब जैसे संवेदनशील बॉर्डर स्टेट में दिल्ली मॉडल पूरी तरह फेल साबित हुआ है, जिसे बेचकर वह सत्ता में पहुंची है। 80 दिन में पंजाब में दिन दिहाड़े 40 से अधिक लोगों के कत्ल हुए हैं जिनमें नामी खिलाडि़यों से लेकर सेलेब्रिटी तक शामिल हैं। इसके बावजूद सरकार ने कई संवेदनशील व्यक्तियों की सुरक्षा घटाकर उनकी जान जोखिम में डाली है। कठपुतली मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार का रिमोट कंट्रोल दिल्ली में बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हाथ में है जिन्हें कानून-व्यवस्था संभालने का कोई अनुभव नहीं है क्योंकि दिल्ली पुलिस और वहां की कानून-व्यवस्था केंद्र के हाथ है।”

इन आरोपों पर आप के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने आउटलुक से कहा, ‘‘विपक्षी दलों के नेता हत्या पर भी सियासत से बाज नहीं आ रहे हैं। अस्थाई तौर पर सुरक्षा पहली बार नहीं हटाई गई इससे पहले भी किन्हीं विशेष अवसरों पर वीआइपी लोगों की सुरक्षा कम करके पुलिस की तैनाती अन्य जगहों पर की जाती रही है।’’ 

पलायन कर रहे पंजाबी गायक 

बॉलीवुड की तर्ज पर दौलत-शोहरत की बुलंदियां छूने वाले पंजाबी गायक देश-विदेश में बैठे गैंगस्टर के निशाने पर हैं। मूसेवाला के पिता बलकार सिंह की मानें तो बेटे की शोहरत-दौलत से जलने वालों ने उसे चिता तक पहुंचाया। बलकौर सिंह बोले, ‘‘मेहनत-मजदूरी करके हम गुजर बसर कर रहे थे पर नजर लग गई। पंजाब में कोई अपने बेटे को मशहूर न बनाना, मेरे बेटे की मशहूरी ने उसे खा लिया।’’

पंजाबी गायक जसबीर जस्सी ने आउटलुक से कहा, ‘‘मूसेवाला की दिनदिहाड़े हत्या से दहले पंजाबी गायक पंजाब छोड़कर मुंबई, कनाडा, अमेरिक, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में अपने लिए सुरक्षित ठिकाने तलाश रहे हैं। कुछ गायकों के परिवार पहले से ही विदेश में बस चुके हैं। गुरदास मान, मिक्का समेत कई गायक मुंबई में अपना ठिकाना बना चुके हैं।’’

बॉलीवुड हस्तियों से अंडरवर्ल्ड की वसूली की तरह पंजाब और बाहर की जेलों में बंद पंजाब मूल के गैंगस्टरों ने भी जेलों के बाहर अपने गुर्गों के जरिए आसान वसूली का धंधा बना लिया है। गैंगस्टर की फिरौती के शिकार पंजाबी गायकों में गिप्पी ग्रेवाल, परमीश वर्मा, मनकीरत औलख शामिल हैं। 20 लाख रुपये फिरौती न देने पर मोहाली के एयरपोर्ट रोड पर परमीश वर्मा पर फायरिंग कर दी गई, जिसमें वे बाल-बाल बचे। गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा ने परमीश पर हमले की जिम्मेदारी ली थी।

जीप जिसमें मूसेवाला सवार थे

इसी जीप में मूसेवाला सवार थे 

गायक मनकीरत औलख को भी कुछ दिनों पहले धमकी मिली। मनकीरत अगस्त 2021 में मोहाली में कत्ल किए गए युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के करीबी थे। विक्की के कत्ल की जिम्मेदारी गैंगस्टर दविंदर बंबीहा ग्रुप ने ली थी। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद से मनकीरत औलख फिर विवादों में हैं। मनकीरत की एक पुरानी पोस्ट वायरल हुई जिसमें उन्हें रोपड़ जेल में स्टेज शो दिखाया गय। तब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई रोपड़ जेल में बंद था। सात साल पुरानी इस पोस्ट में मनकीरत ने गैंगस्टर लॉरेंस को अपना दोस्त बताया। यह शो विक्की मिड्डूखेड़ा द्वारा प्रायोजित था। सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लॉरेंस गैंग ने इसी मिड्डूखेड़ा की कत्ल का बदला बताया है।

मूसेवाला की हत्या के बाद विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थक भी पंजाबी गायकों को धमका उन पर केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल बनाने दबाव बना रहे हैं। सिख फॉर जस्टिस काउंसिल के अध्यक्ष गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब के मीडिया को जारी रिकॉर्डेड संदेश में पंजाबी गायक बब्बू मान, गुरु रंधावा, मनकीरत औलख का नाम लेते हुए बाकी गायकों को 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 38वीं वर्षगांठ के मौके पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस घटना की निंदा करने को कहा है। ऐसा न करने वाले गायकों की सूची बनाए जाने की धमकी दी है। 6 जून 1984 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर स्थित श्री सचखंड अकाल तख्त को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए भारतीय सेना का ऑपरेशन ब्लूस्टार हुआ था।

जेलों में गैंगस्टर का नेटवर्क सक्रिय

फिरौती, डकैती, हत्या और अपहरण के आरोपों में पंजाब की जेलों में बंद दो दर्जन से अधिक कुख्यात गैंगस्टर जेलों से अपना नेटवर्क चला रहे हैं। हालांकि पुलिस का दावा है कि सेंट्रल जेल पटियाला, बठिंडा और लुधियाना में मोबाइल फोन और इंटरनेट निष्क्रिय करने के लिए जैमर लगाए गए हैं लेकिन पंजाब की कई जेलों में अब भी जैमर की सुरक्षा नहीं है। पंजाब जेल विभाग के एक पूर्व डीजीपी के मुताबिक जेलों में अपराधियों को मोबाइल फोन मिल जाते हैं, जिससे उनके लिए नेटवर्क चलाना आसान हो जाता है। 

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से जेलों में बंद गैंगस्टर सोशल मीडिया पर सरेआम एक-दूसरे को धमकी दे रहे हैं। लिहाजा, जेलों में गैंगवार का खतरा बढ़ गया है। हत्या के बाद लुधियाना और फिरोजपुर जेल में गैंगस्टरों की आपसी भिड़ंत से बाकी जेलों में प्रशासन मुस्तैद हो गया है। मूसेवाला हत्याकांड का बदला लेने के लिए हरियाणा और दिल्ली के गैंगस्टर भी सक्रिय हो गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय गैंगस्टर नीरज बवाना, भुप्पी राणा, कौशल चौधरी ने भी मूसेवाला की मौत का बदला लेने की धमकी दी है। उनके निशाने पर बिश्नोई गैंग है।

बठिंगा में श्रद्धांजलि देते कांग्रेस कार्यकर्ता

गैंगस्टर बिश्नोई के करीबी कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार ने हत्या की जिम्मेदारी ली तो बिश्नोई गैंग ने भी पोस्ट डालकर मूसेवाला की हत्या करने का दावा किया। हाइकोर्ट में लॉरेंस बिश्नोई ने याचिका दायर कर पंजाब पुलिस के एनकाउंटर से जान को खतरा बताया है। गैंगस्टर्स, हथियार और नशे के साये से स्याह हुई पंजाबियत की धूमिल छवि को उज्ज्वल करना एक कड़ी चुनौती है। 'आप' ने सरकार बनाने से पहले पंजाब को गैंगस्टरों और नशा से छुटकारा दिलाने की गारंटी दी थी। हरेक पंजाबी का सपना है कि सियासत से परे पंजाब फिर से रंगला सूबा कब बनेगा!

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Punjabi Rap Singer, Sidhu Moosewala, Murdered, Inside Story, Harish Manav
OUTLOOK 16 June, 2022
Advertisement