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01 November 2020

किसान प्रदर्शन के साइड इफेक्ट, पंजाब में यूरिया-डीएपी की भारी किल्लत, गेहूं की बुआई घटी

File Photo

जुताई के बाद गेहूं की बुआई के लिए खेत तैयार हैं पर केंद्र के कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब के किसान रेलवे टैक,टोल प्लाजा और रिलायंस के पेट्रोल पंपों पर पिछले 40 दिन से डटे हैं। रेल आवाजाही ठप होने से किसानों को यूरिया,डीएपीऔर बीजांे की किल्लत का सामना करना पड़ा रहा है जिसके चलते गेहूं की बुआई भी प्रभावित हो सकती है। किसानों को महंगा यूरिया,डीएपी खरीदना पड़ रहा है। पंजाब कृषि विभाग के अधिकारियों मुताबिक राज्य में लक्षित करीब 35 लाख हैक्टेयर मंे अभी तक करीब 9 लाख हैक्टेयर में बुआई से लक्षित रकबे में से अभी तक केवल 25 फीसदी में गेेहूं की बुअाई हुई है। केंद्र के कृषि विधेयकों से एमएसपी खाेने की आशंका और खाद,बीज की किल्लत के चलते चालू  रबी सीजन में पंजाब में गेहूं का रकबा और उपज  भी घटने के आसार हैं। गेहूं की बुआई में एक हफ्ता की देरी से प्रति एकड़ उपज 1.50 तक घट सकती है।  

कृषि विभाग के निदेशक डा. राजेश वशिष्ठ के मुताबिक राज्य में रबी सीजन के लिए 14.50 लाख टन यूरिया,5 लाख टन डीएपी,50 हजार टन पोटाश और इतने ही नाइट्रोजन फासफोरस पोटाशियम की जरुरत है जबकि स्टॉक में 2 लाख टन यूरिया,1.95 लाख टन यूरिया,35 हजार टन पोटाश और 7000 टन नाइट्रोजन फासफोरस पोटाशियम है। नवम्बर के दूसरे हफ्ते तक चलने वाली गेहूं,सरसों व चन्ने की बुआई के लिए यूरिया,डीएपी की पहली डोज़ की जरुरत नवम्बर के आखिरी हफ्ते तक होगी। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के पंजाब में संयोजक डा. दर्शन पाल के मुताबिक किल्लत के चलते 45 किलो के यूरिया बैग की कीमत 265 रुपए से बढ़कर 310 रुपए हो गई है। 

यूरिया,खाद व खरपतवार की किल्लत दूर करने के लिए सड़क मार्ग से एनएफएल के बठिंडा और नंगल स्थित प्लांटांे से प्रति दिन करीब 2000 टन यूरिया की आपूर्ति की जा रही है। पंजाब को केंद्र के कोटे से अक्टूबर में 4 लाख टन यूरिया की आपूर्ति होनी थी पर 22 व 23 अक्टूबर को दो दिन के लिए चली माल गाड़ियांे से पंजाब में करीब 40,000 टन यूरिया की आपूर्ति हुई। 4 लाख टन की आपूिर्त नवम्बर में होनी है पर जब तक रेल सेवाएं सुचारु नहीं होगी प्रदेश में यूरिया,डीएपी की किल्ल्त से राहत नहीं मिलेगी। 

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किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव स्वर्ण सिंह पंधेर का कहना है कि किसान रेलवे के करीब 40 रुटों पर धरनों पर बैठे हैं जबकि करीब 60 रुट माल आपूर्ति के लिए सुचारु हैं। इन रुटांे से भी राज्य में जरुरी वस्तुआंे की अापूर्ति हो सकती है पर रेलवे ने पूरे पंजाब में ही रेलवे की आवाजाही ठप कर दी है। इधर रेलवे के फिरोजपुर डिविजन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जिन 40 रुटांे पर किसानांे का धरना जारी है उन्हीें रुटों ेके जरिए बाकी रुटों पर आवाजाही संभव है। जब तक ये 40 रुट धरना मुक्त नहीं होते पंजाब और इससे आगे जम्मू में रेलों की आवाजाही बहाल नहीं हो सकती।   

 केंद्र के कृषि बिलों के विरोध में डटे पंजाब के 30 से अधिक किसान संगठनों के आहवान पर 5 नवम्बर को देशव्यापी चक्का जाम के बाद 26 व 27 नवम्बर को दिल्ली में संसद भवन का घेराव करने की चेतावनी है। किसानों का कहना है कि जब तक केंद्र के  तीनों कृषि बिल वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए इनकी केंद्र सरकार से मांग है कि एक चौथा िवधेयक और लाया जाए जिसमें किसानों को उनकी फसलों का एमएसपी सुनिश्चित हो।

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TAGS: Agriculture Law, Heavy Shortage Of Urea-DAP, Punjab, Farmers Protest, किसानों का प्रदर्शन, यूरिया-डीएपी की किल्लत, पंजाब, नए कृषि कानून
OUTLOOK 01 November, 2020
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