कृषि कानूनों को लेकर पंजाब विधानसभा में हंगामा, सिद्धू व मजीठिया के बीच हाथापाई की नौबत
चंडीगढ़, केंद्र के तीन कृषि कानून को लेकर पंजाब विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हो गया है। कांग्रेस की तरफ से प्रदेश प्रधान और विधायक नवजोत सिद्धू ने यह मुद्दा उठाया। जिसके बाद सिद्धू और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के बीच हुई तकरार के चलते हाथापाई की नौबत आ गई। सदन में दोनों नेताओं ने शब्दों की मर्यादा तक का ख्याल नहीं रखा। विधानसभा अध्यक्ष केपी राणा द्वारा उन्हें बार-बार उन्हें रोकने की कोशिश के बीच भी जब माहौल शांत नहीं हुआ तो अध्यक्ष ने 15 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दी।
नवजोत सिद्धू ने यहां तक कह दिया कि सुखबीर बादल को तो सपने में भी मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग नजर आते हैं। मजीठिया ने सिद्धू पर हमला किया कि वो अपनी मां पार्टी भाजपा को छोड़कर आ गए। इस पर सिद्धू ने कहा कि उन्होंने सौतेली मां को इसलिए छोड़ा क्योंकि वह पंजाब के साथ खड़े हैं। सिद्धू ने पंजाब में नशे को लेकर भी मजीठिया पर गंभीर आरोप लगाए। सिद्धू ने डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा को कहा कि वो जल्द स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की रिपोर्ट सार्वजनिक करें।
अकाली दल पर हमला बोलते हुए सिद्धू ने कहा कि काले कानून अकाली दल की देन हैं। 2013 में अकाली दल-भाजपा सरकार ने जो पंजाब फार्मिंग एक्ट बनाया था, यह उसी की नकल है। इसी वजह से पंजाब सबसे ज्यादा कर्जदार राज्य बन गया। जब हम पानी पर कानून पास कर सकते हैं तो फिर इस मुद्दे पर कानून क्यों नहीं पास कर सकते। यह सुनकर अकाली दल भड़क गया। उन्होंने विधानसभा में 'ठोको ताली-मुर्दाबाद' के नारे लगाने शुरू कर दिए। अकाली दल ने कहा कि जब यह कानून बने तो उनकी पत्नी भी अकाली-भाजपा सरकार में ही थी। उन्होंने इसका समर्थन किया था। इस बात को लेकर अकाली नेता बिक्रम मजीठिया और नवजोत सिद्धू में तीखी नोकझोंक हुई।