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01 July 2021

गांधी परिवार के लिए इतने अहम क्यों हैं सिद्धू, केवल चार साल पहले थामा था कांग्रेस का हाथ

पीटीआइ

क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच जारी राजनीतिक खींचतान की वजह से सिद्धू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों पार्टी आलाकमान से मुलाकात करने के लिए दिल्ली आए कैप्टन अमरिंदर को मिलने का समय नहीं मिलने और हाल ही में सिद्धू की पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कई तरह के सवाल खड़े कर रही है। कहा जा सकता है कि कैप्टन के मुकाबले गांधी परिवार सिद्धू को अधिक अहमियत दे रहा है। जुलाई 2016 में भाजपा का दामन छोड़ने और 2017 में कांग्रेस का हाथ थामने वाले नवजोत सिंह सिद्धू तभी से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की पहली पसंद बन गए थे। दरअसल, इन दिनों सिद्धू की आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं से नजदीकियों के बीच दिल्ली में बैठे आलाकमान को लगता है कि अगर सिद्धू कांग्रेस का साथ छोड़ते हैं तो पार्टी को एक बड़ा झटका लग सकता है। आलाकमान को लगता है कि महज चार साल पहले पार्टी में शामिल होने वाले सिद्धू भविष्य के चेहरे के रूप में कांग्रेस के लिए एक मजबूत चेहरा साबित हो सकते हैं। हालांकि इस बीच ऐसी अटकलें भी है कि कांग्रेस आलाकमान जल्द ही सिद्धू को पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। 

दरअसल, कुछ इस तरह की ही कोशिश राहुल गांधी ने हरियाणा में भी की थी, जब उन्होंने वहां के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और कई बार के मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र हुड्डा की जगह रणदीप सुरजेवाला को नया चेहरा बनाने की कोशिश की थी। हालांकि वह कोशिश फेल हो गई थी। रणदीप सुरजेवाला खुद अपना विधायक का भी चुनाव नहीं जीत पाए थे। तो कहीं ऐसा न हो कि हरियाणा की तरह पंजाब में भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचे।  

पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के समान रूतबा हासिल करने की जुगत में लगे विधायक नवजोत सिंह सिद्धू शुरू से ही यह साबित करते रहे हैं कि वह भविष्य में पार्टी की ओर से राज्य का मुख्यमंत्री बन सकते हैं। माना जा रहा है कि उसी समय से सिद्धू और अमरिंदर के बीच खींचतान शुरू हो गई। इस बीच यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सिद्धू के बड़बोले बयानों के पीछे भी कहीं न कहीं उन्हें पार्टी के आलाकमानों का साथ मिलता रहा है। अब इस बार प्रियंका और राहुल ने सिद्धू के साथ मुलाकात करके यह साबित भी कर दिया है कि पार्टी प्रमुख कैप्टन के मुकाबले सिद्धू को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। पार्टी आलाकमान का मानना है कि सिद्धू एक स्टार कैंपेनर हैं, जिससे पार्टी को काफी फायदा मिल सकता है। वहीं, कैप्टन अमरिंदर का मानना है कि पंजाब में अगर पार्टी कुछ कर रही है तो वह सिद्धू की बदौलत कर रही है।

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तीन सदस्यीय पैनल का गठन

पंजाब में पार्टी के अंर्तकलह को लेकर पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था, जो सिद्धू और कैप्टन के बीच तनाव और राज्य में जारी गतिरोध को खत्म करने की कोशिश में जुटा है। संभावना है कि ये गतिरोध जल्द ही खत्म हो जाएगा।

 

 

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TAGS: गांधी परिवार, नवजोत सिंह सिद्धू, चार साल पहले, कांग्रेस का हाथ, Navjot Singh Sidhu, important, Gandhi family, four years ago, join, Congress party
OUTLOOK 01 July, 2021
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