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01 January 1970

पंजाब-हरियाणा पानी विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को केंद्र के साथ मिलकर काम करने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा सरकारों को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद को सुलझाने में केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हम दोनों राज्यों को सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने में भारत संघ के साथ सहयोग करने का निर्देश देते हैं।’’

पीठ ने कहा कि यदि 13 अगस्त तक मामला नहीं सुलझता है तो वह इस पर सुनवायी करेगी।
 
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ से कहा, ‘‘हमने मध्यस्थता के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन राज्यों को अपनी बात पर अमल करना होगा।’’

एसवाईएल नहर की परिकल्पना रावी और ब्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए की गई थी। इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर नहर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनायी जानी थी।

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हरियाणा ने अपने क्षेत्र में यह परियोजना पूरी कर ली है, लेकिन पंजाब ने 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। दोनों राज्यों के बीच विवाद दशकों से जारी है।

उच्चतम न्यायालय ने 15 जनवरी, 2002 को हरियाणा द्वारा 1996 में दायर एक वाद में उसके पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब सरकार को एसवाईएल नहर के अपने हिस्से का निर्माण करने का निर्देश दिया था।

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TAGS: Punjab-Haryana water dispute, Bhagwant mann, Supreme Court, SYL Canal Dispute, BJP
OUTLOOK 01 January, 1970
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