राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राघव चड्ढा, इस मामले में हुए थे सस्पेंड
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। चड्ढा को चार सांसदों की शिकायतों के बाद "विशेषाधिकार के उल्लंघन" के लिए 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। न्यूज एजेंसी ANI ने इस बात की जानकारी दी।
उनका निलंबन सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद हुआ था। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) बिल 2023 के लिए प्रस्तावित चयन समिति में उनकी सहमति के बिना उच्च सदन के कुछ सदस्यों के नाम शामिल करने के लिए आप नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति जगदीप धनखड़ को सांसद सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली हैं, जिसमें चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया गया है। इससे पहले आज, चड्ढा ने एक स्थानीय अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने उन्हें आवंटित आधिकारिक सरकारी बंगले में रहने से संबंधित अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया था।
पटियाला हाउस अदालत ने स्थगन आदेश को रद्द कर दिया था, जिसने राज्यसभा सांसद को अंतरिम राहत दी थी कि उन्हें कानूनी प्रक्रिया के बिना उनके वर्तमान आवास से बेदखल नहीं किया जाएगा। ट्रायल कोर्ट ने कहा कि 18 अप्रैल का आदेश वापस लिया जाता है और अंतरिम आदेश रद्द किया जाता है।