झारखंड में राहुल, हैदराबाद में कांग्रेस विधायक; बाबाधाम में सिर नवा अयोध्या की किरकिरी दूर करने की कवायद
कांग्रेस के युवराज या कहें पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जिनके झारखंड दौरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस के लोग बेचैन रहते थे, समय नहीं मिलता था वही राहुल गांधी झारखंड में हैं। अजीब संयोग है कांग्रेसियों के हीरो राहुल गांधी झारखंड में हैं मगर उनको चाहने वाले विधायक झारखंड और राहुल से दूर हैदराबाद के आधुनिक रिसोट में 'राजनीति' का आनंद ले रहे हैं। सत्ता संघर्ष को लेकर राहुल गांधी न्याय यात्रा पर आये हैं और कांग्रेस के विधायक भी गठबंधन विधायकों के साथ झारखंड के सत्ता संघर्ष में एकजुटता के सुरक्षा कवच के लिए हैदराबाद के रिसोट में हैं। हालांकि राहुल गांधी के दौरे के हवाले कांग्रेस के कई विधायक हैदराबाद जाना नहीं चाहते थे। जानकार मानते हैं कि अपने ही प्रदेश में रहकर कुछ विधायक सत्ता के केक में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करना चाहते थे।
राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही न्याय यात्रा दो फरवरी को बंगाल से निकलकर नसीपुर मोड़ होते हुए झारखंड में प्रवेश कर गई। नसीपुर मोड़ पर पश्चिम के बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर को ध्वज हस्तांतरण कर झारखंड में यात्रा का शुभारंभ कराया। झारखंड में 13 जिलों से गुजर कर 804 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली है। समय बतायेगा कि राहुल गांधी की यात्रा खुद और झारखंड कांग्रेस के लिए कितना संजीवनी का काम कर सकी।
झारखंड में कांग्रेस के सहयोग से झामुमो नेतृत्व वाली सरकार चल रही है। जिस दिन राहुल गांधी झारखंड में प्रवेश कर रहे थे उसी दिन झारखंड में हेमंत सोरेन के बदले चम्पाई सोरेन की मुख्यमंत्री के पद पर ताजपोशी हो रही थी। हालांकि गठबंधन धर्म का पालन करते हुए चम्पाई सोरेन शपथ ग्रहण के बाद राहुल गांधी की सभा में शामिल होने पाकुड़ पहुंच गये। गोड्डा के सरकंडा चौक पर खुली जीप में यात्रा करते हुए राहुल गांधी ने लोगों का अभिवादन स्वीकर किया और बातचीत की। अपनी बात भी कही और लोगों को माइक पकड़ाकर उनकी बात भी सुनी। कहा आपकी बात सुनने आया हूं। झारखंड के किसानों को कहना चाहता हूं अरबपतियों का कर्जा तुरंत माफ हो जाता है। 14 लाख करोड़ रुपये मोदी जी ने सबसे बड़े अरबपतियों का कर्जा माफ किया है मगर किसानों का कर्जा कभी माफ नहीं हो सकता नरेंद्र मोदी की सरकार में। किसानों ने क्या गलती की कि उनका कर्जा माफ नहीं हो सकता।
राहुल पांच को रांची में, उसी दिन बहुत साबित करना है
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पांच फरवरी को राहुल गांधी रांची में होंगे। रांची में उनकी सभा है। मगर उसी दिन विधानसभा का विशेष सत्र है जिसमें मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को बहुमत साबित करना है। सत्र में भाग लेने के लिए कांग्रेस विधायक भी हैदराबाद से रांची पहुंचेंगे। अब देखना है कि राहुल की सभा के लिए कितना समय निकाल पाते हैं।
45 साल बाद गांधी परिवार का सदस्य बाबाधाम में
लंबी न्याय याता में झारखंड की यात्रा राहुल गांधी के लिए एक टर्निंग प्वाइंट की तरह भी है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के आमंत्रण को ठुकराने वाले राहुल गांधी देवघर के बाबाधाम भी जा रहे हैं। देवघर में कई घंटे गुजारने का कार्यक्रम है। बाबाधाम का अपना महत्व है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक हैं बाबा बैद्यनाथ। यहां पूजा अर्चना कर कोशिश होगी कि राम मंदिर के आमंत्रण को अस्वीकार करने से हुई किरकिरी की एक हद तक भरपाई कर लें। यह भी अजीब संयोग है कि कोई 45 साल के बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य देवघर के बाबाधाम जा रहा है। 1979 में राहुल गांधी की दादी यानी इंदिरा गांधी यहां आई थीं, तब वे भी सत्ता में नहीं थीं। संयोग यह भी कि हिंदी विद्यापीठ की व्यवस्था देखने वाले कृष्णानंद झा ने इंदिरा गांधी की पूजा करायी थी, राहुल गांधी का भी करा रहे हैं।
राहुल गांधी अपनी यात्रा में नरेंद्र मोदी की सरकार, भाजपा के और आरएसएस पर हमलावर हैं। कहते हैं इन लोगों ने देश में नफरत और हिंसा फैला रखी है उसके खिलाफ खड़ा होना हमारा कर्तव्य है। आज देश में करोड़ों लोगों के साथ अन्याय हो रहा है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी, गलत जीएसटी, छोटे व्यापारियों, उद्योगो के खिलाफ निर्णय लेकर उन्हें बर्बाद कर दिया। इस देश में जो रोजगार की रीढ़ की हड्डी है उसे बीजेपी ने तोड़ दिया है। युवाओं को रोजगार न मिले और इस देश का पैसा चंद अरबपतियों के हाथों में हो।
एक्स पर वार
राहुल बोले "मोडानी" चाहते हैं कि आदिवासियों का अपने ही जल, जंगल और ज़मीन पर कोई हक़ न हो. इधर तीन फरवरी को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा है कि ''आज भारत में साजिश के तहत आदिवासियों के अधिकारों को कमज़ोर किया जा रहा है। मोदी की शह पर उनका ‘मीडिया मित्र’ खुलेआम आदिवासियों का अपमान करता है और ‘कॉर्पोरेट मित्र’ उनके संसाधनों को लूटता है। कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए वन अधिकार जैसे कानून बनाए, आदिवासी बिल लेकर आये, सरना धर्म कोड लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाये। पर भाजपा आदिवासियों की हितों की रक्षा करने वाला कोई भी कानून लागू नहीं होने देती, क्योंकि उनका लक्ष्य आदिवासियों की ज़मीनें और अन्य संसाधन छीन कर अपने कॉर्पोरेट मित्रों को देना है। झारखंड की महान धरती पर भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लड़ कर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की। आज के अंग्रेज "मोडानी" चाहते हैं कि आदिवासियों का अपने ही जल, जंगल और ज़मीन पर कोई हक़ न हो। कांग्रेस प्रतिबद्ध है कि आदिवासी समाज समृद्ध बने और उनकी सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रहे।''
राहुल गांधी के पोस्ट के कुछ ही देर के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि "आदिवासी समाज की बेटी द्रौपदी मुर्मू को भाजपा ने राष्ट्रपति बनाया लेकिन कांग्रेस ने उनका भी विरोध किया। आजादी के बाद पांच दशकों तक आदिवासी समाज झारखंड राज्य के निर्माण की मांग करता रहा लेकिन कांग्रेस ने इसे भी नजरअंदाज किया। भाजपा ने आदिवासी बहुल झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। जनजातीय कल्याण मंत्रालय का गठन किया। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को भाजपा ने जनजातीय गौरव दिवस का दर्जा दिया। आज भाजपा आदिवासी समाज को प्रधानमंत्री जनमन योजना, वनधन योजना एवं अन्य लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से विकास की मुख्यधारा से जोड़कर सशक्त कर रही है। पूरे देश ने देखा है कि आजादी के बाद कांग्रेस ने किस प्रकार से देशभर में आदिवासियों का शेषण किया है। झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य को अपना एटीएम बनाने वाली, आदिवासियों के हक-अधिकार को लूटकर अपने तिजोरी भरे वाली कांग्रेस पार्टी के झांसे में अब आदिवासी समाज कभी नहीं आयेगा....। विकसित भारत के निर्माा में हमारा आदिवासी समाज कदम से कदम मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नतृत्व में नव निर्माण में लगा हुआ है।''